हरियाणा शिक्षा विभाग को हाईकोर्ट की फटकार

punjabkesari.in Saturday, Jul 30, 2016 - 01:05 PM (IST)

चंडीगढ़(विवेक) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचर्स को हटाने के 5 साल पहले दिए गए आदेशों की अभी तक पालना न करने पर हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लेते हुए फटकार लगाई। गेस्ट शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त न करना फिलहाल सरकार व अधिकारिओं के गले की फांस बने हुए हैं। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान एक बार फिर गेस्ट टीचर्स मामले में हाईकोर्ट ने सरकार व शिक्षा विभाग को आड़े हाथों लिया है। गेस्ट टीचर्स मामले में हाईकोर्ट द्वारा 30 मार्च 2011 को दिए फैसले की 5 वर्ष बाद भी अनुपालना न होने पर जस्टिस राजन गुप्ता की बेंच ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 24 अगस्त को हाईकोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। 
 
 
 
मार्च 2011 में दिए थे आदेश :
हाईकोर्ट ने 30 मार्च 2011 को तिलकराज द्वारा दायर जनहित याचिका में यह आदेश दिया था कि शिक्षा विभाग में जेबीटी, टीजीटी व पीजीटी के सभी स्वीकृत पदों पर कार्यरत गेस्ट टीचर्स की जगह रेगुलर शिक्षकों की भर्ती की जाए और 31 मार्च 2012 को सभी गेस्ट टीचर्स की सेवाएं समाप्त समझी जाए। तब सरकार व गेस्ट टीचर्स इस फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट चले गए थे तो 30 मार्च 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई, लेकिन थोड़ी राहत देते हुए रेगुलर शिक्षकों की भर्ती करने की मियाद 322 दिन तय करते हुए तब तक गेस्ट टीचर्स को सेवारत रखने की अनुमति दे दी थी। 322 दिन की मियाद खत्म होने पर व 14216 पीजीटी पदों की रेगुलर शिक्षकों की भर्ती होने पर भी गेस्ट टीचर्स को न हटाने के कारण तिलकराज केस में हाईकोर्ट में फिर अवमानना याचिका दायर हुई। शुक्रवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जगबीर मलिक ने बेंच को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए आदेशों की पालना न होने को अवमानना का सीधा-सीधा मामला बताया और अधिकारिओं को सजा देने की मांग की। गौरतलब है कि इसी अवमानना याचिका की पूर्व में हुई सुनवाई में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा भी 28 अप्रैल 2016 को हाईकोर्ट में पेश हो चुकी है और अब शुक्रवार को रेगुलर शिक्षक भर्ती मामले में कोई प्रगति न होते देख हाईकोर्ट ने वर्तमान में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को फिर से तलब कर लिया है।

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