आपदा या विपत्ति में विश्व की निगाहें रहती हैं भारत की भविष्यवाणी पर

punjabkesari.in Monday, Dec 06, 2021 - 02:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (मीनाक्षी): ज्योतिष महा सम्मेलन के दौरान ज्योतिष आचार्यों ने ज्योतिष विद्या में आ रहे नए बदलाव पर मंथन किया। ज्योतिष विज्ञान हमारे देश के प्राचीन इतिहास का हिस्सा ही नहीं, अपितु यह हमारी अनमोल पूंजी है। ये भारत की प्राचीन विद्या है जिसे सहेजा जाना चाहिए।

 
इसमें निरंतर शोध करें और अधिक परिष्कृत करने का प्रयास करें। रजनीश सूद ने कहा कि बचपन से उनकी इस विद्या में रूचि रही है। देश में इस समय तनाव का भी माहौल है, आशा है कि इस सम्मेलन से सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी और समाधान का रास्ता निकलेगा। बबीता ने कहा कि ज्योतिष शुरू से ही हमारी शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा है। इसका संबंध विज्ञान की तरक्की से भी जुड़ा है। ज्योतिषीय गणना के लिए वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त आदि वैज्ञानिकों ने ग्रहों की गति के अध्ययन किए। 


नौ रत्नों ने कहा कि अब ज्योतिष शास्त्र का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। लोग अपने बच्चे के कैरियर के मार्गदर्शन में या समस्या के समाधान में ज्योतिष की सलाह ले रहे हैं। वास्तु विज्ञान का महत्व इतना बढ़ गया है कि वास्तु विशेषज्ञ की सलाह पर मकान का निर्माण करते हैं या उसमें आवश्यक परिवर्तन भी करते हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि जब कोई व्यक्ति मानसिक तनाव के दौर से गुजरता है तभी वह ज्योतिष के पास जाता है, जब उनके पास कोई आए तो उसे संबल प्रदान करें। 


वह एक तरह से ज्योतिष, काउंसलर की भूमिका निभा सकता है जो मानसिक तनाव से मुक्त करे, साथ ही सही सलाह भी प्रदान करे। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी के समय ज्योतिष को बढ़ावा देने के क्षेत्र में बड़ा कार्य किया गया। कार्यक्रम में को बैस्ट एस्ट्रोलॉजर आफ द ईयर 2021 से पुरस्कृत किया गया। साथ ही देशभर के ज्योतिष सहित देश के अन्य भाग से आए ज्योतिषों को सम्मानित 
किया गया। 


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News Editor

Ajesh K Dharwal

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