सी.एच.बी. रिजर्व प्राइस कम कर 100 से अधिक कमशर््िायल यूनिट्स के ई- टैंडर करेगा जारी

Tuesday, Jul 26, 2022 - 08:53 PM (IST)

चंडीगढ़,(विजय गौड़) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) की ओर से जल्द ही 100 से अधिक कमर्शियल यूनिट्स के ई-टेंडर जारी किए जाएंगे। यह फैसला चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग के दौरान लिया गया। ये सभी लीज होल्ड कमर्शियल यूनिट्स बोर्ड को अलॉट की गई जमीन पर बनाए गए थे लेकिन इन्हें अभी तक बेचा नहीं जा सका है। यही वजह है कि मीटिंग के दौरान निर्णय लिया गया कि अब रिजर्व प्राइस कम करके इन्हें अगले ई-टेंडर प्रोसेस में शामिल किया जाएगा। मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि बिल्डिंग वॉयलेशन की वजह से जिन अलॉटियों के रेजिडेंशियल यूनिट्स कैंसिल कर दिए गए थे और जिनकी अपील बोर्ड के पास पैंडिंग है उन्हें कुछ शर्तों के साथ बहाल किया जा सकता है। सबसे पहले अलॉटी को 31 दिसम्बर से पहले उन सभी वॉयलेशन को हटाना पड़ेगा जिनकी वजह से अलॉटमेंट कैंसिल हुई थी। इसके साथ ही रिवाइवल चार्जिस भी देने होंगे। बोर्ड ने यह भी फैसला लिया है कि सैक्टर-9 में नए ऑफिस ब्लॉक-बी. की कंस्ट्रक्शन के बाद ब्लॉक-ए. और ब्लॉक-सी. के खाली स्पेस को सी.पी.डब्ल्यू.डी. के रेट के हिसाब से सरकारी कार्यालयों को किराए पर दिया जाएगा। बिडिंग द्वारा इस स्पेस को प्राइवेट पार्टी को भी किराए पर दिया जा सकता है। 

 

तत्काल स्कीम को किया जाएगा बंद
बोर्ड ने घरों की ट्रांसफर के लिए तत्काल स्कीम को बंद करने का फैसला लिया है। बता दें कि सी.एच.बी. के रिकवरी सेक्शन में पहले काफी फाइलें पैंडिंग थी। लोगों के काम जल्द करवाने के लिए ही तत्काल ट्रांसफर की सेवा शुरु की गई थी। अब रिकवरी सेक्शन में सभी फाइलों का निपटारा किया जा चुका है। साथ ही बोर्ड ने ई-ऑफिस मॉड्यूल शुरु कर दिया है, जिसके तहत अब फाइलों की मूवमेंट फिजीकल की जगह ऑनलाइन ही हो रही है। इससे अब फाइलों की मंजूरी में समय नहीं लगता है। साथ ही विभाग अपनी सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने में भी लगा हुआ है। जिससे लोग घर बैठे ही विभिन्न सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं और समय पर उनकी मंजूरी भी मिल जाती है। यही कारण है कि बोर्ड ने तत्काल स्कीम को बंद कर दिया है।

 

 

नीड बेस्ड चेंजिस पर कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी
बोर्ड ने नीड बेस्ड चेंजिस पर कमेटी की ओर से दी गई सिफारिशों को छोटे बदलावों के साथ मंजूरी दे दी है। नीड बेस्ड चेंजिस पर बनी सहमतियों को अब अप्रूवल के लिए चंडीगढ़ प्रशासन के पास भेज दिया गया है। मीटिंग में फैसला लिया गया कि बोर्ड के इंडिपेंडेंट हाऊसिज में जहां दीवार साढ़े चार इंच से मोटी है उसे हटाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए इंपैनल्ड स्ट्रक्चर इंजीनियर से संरचनात्मक स्थिरता का सर्टिफिकेट सब्मिट करवाना होगा। यदि स्थिरता का मुद्दा आता है तो अलॉटी और स्ट्रक्चर इंजीनियर दोनों पर आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। ई.डब्ल्यू.एस./एल.आई.जी. की तर्ज पर एम.आई.जी./एच.आई.जी. के लिए अतिरिक्त कवरेज को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है, जो अधिकतम 150 वर्ग फुट है। 

 

ये भी लिए गए फैसले
- लिफ्ट के निर्माण के लिए ब्लॉक के सभी आवंटियों की सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। अगर दूसरे अलॉटी लिफ्ट के निर्माण के लिए तैयार नहीं हैं तो भी एक अलॉटी ही लिफ्ट के लिए अप्लाई कर सकता है। 
- इंडिपेंडैंट हाऊसिज के मामले में अतिरिक्त एफ.ए.आर. को मंजूरी दी जा सकती है। इसके लिए मौजूदा कलेक्टर रेट का 35 प्रतिशत चार्ज देना होगा। 
- घरों में सामने की ईंट की चारदीवारी को स्लाइडिंग गेट के साथ बदला जा सकता है। इसके लिए बोर्ड की ओर से डिजाइन जारी किया जाएगा। 
- ब्लॉक के सभी आवंटियों की सहमति के अधीन आवंटियों द्वारा छत पर सौलर पैनल स्थापित किए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी का सर्टिफिकेट जरुरी होगा। 
- पानी के टैंक की कैपेसिटी को 1000 लीटर तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट देना होगा। 

Ajay Chandigarh

Advertising