चंडीगढ़ पुलिस के सुलझाए गए केस एन.सी.आर.बी. की बुक में हो सकते हैं शामिल

punjabkesari.in Friday, Jan 04, 2019 - 09:29 AM (IST)

चंडीगढ़(संदीप): नैशनल लैवल पर छपने वाली राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की फिंगर प्रिंट से संबंधित किताब में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सुलझाए गए 3 केसों में से एक केस जरूर शामिल किया जाएगा। इन तीनों केसों की रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है। ये वे 3 केस हैं, जिन्हें पुलिस ने आरोपियों के फिंगर प्रिंट के जरिए सुलझाया और आरोपियों को इन केसों में हत्या की धारा के तहत दोषी करार देते हुए अदालत ने कठोर सजा सुनाई है। 

यह बुक सैंट्रल फिंगर प्रिंट ब्यूरो द्वारा संजोई जा रही है। इस बुक में देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस द्वारा फिंगर प्रिंट द्वारा सुलझाए जाने वाले केसों और दोषियों को उन केसों में सजा दिलवाने के केसों को लिया जा रहा है।

वो केस, जो चंडीगढ़ पुलिस ने फिंगर प्रिंट के आधार पर सॉल्व करवाए

-वर्ष 2009 में 3 आरोपियों ने कार चालक और उसके साथी का कत्ल कर 80 हजार रुपए लूटे थी। इस केस में अमर लाल व देविंद्र का कत्ल किया गया था। पुलिस ने फिंगर प्रिंट के नमूनों के आधार पर ललित कुमार, प्रदीप कुमार और अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था।  फॉरैंसिक टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर ही आरोपियों को कोर्ट द्वारा हत्या की धारा के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई थी।

-वर्ष 2014 में दड़वा के पास जंगल एरिया में वासुदेव का शव बरामद हुआ था।  उसके चेहरे को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया था। पुलिस ने शव के पास से बरामद शराब की बोतल पर मिले फिंगर प्रिंट के आधार पर अजय दास और मानिक को गिरफ्तार किया था। दास को शक था कि उसकी पत्नी के साथ मृतक के अवैध संबंध थे, इसी रंजिश के चलते उन्होंने वासुदेव का कत्ल किया था। इस केस में दोनों आरोपियों को फिंगर प्रिंट रिपोर्ट के आधार पर ही हत्या की धारा के तहत दोषी करार देते हुए अदालत ने सजा सुनाई थी।

-वर्ष 2014 में सैक्टर-35 में रहने वाली नीलम का शव उनके घर में पाया गया था। पुलिस ने केस की जांच के तहत इस केस में उनके घरेलू नौकर राम सुरिंद्र यादव व उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों को पुलिस की फिंगर प्रिंट रिपोर्ट के आधार पर ही हत्या की धारा के तहत दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई थी। 


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bhavita joshi

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