इस्टेट ऑफ़िस के डिजिटलाइजेशन का असर, प्रॉपर्टी ट्रांसफ़र के लिए 17 दिन बाद ही मिल गया ट्रांसफ़र लेटर

Monday, Nov 15, 2021 - 04:32 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)।  डिजिटलाइजेशन के बाद इस्टेट ऑफ़िस में काम जल्दी हो रहे हैं और अपने काम समय पर होने का लोगों को  यकीन नहीं आ रहा है।इसका अंदाज़ा यहीं से लगाया जा सकता है कि आवेदन के 15 से 20 दिन बाद ही ट्रांसफर सर्टिफ़िकेट ले जाने के लिए  सोमवार को कुछ लोगों को बुलाया गया, परंतु इस्टेट ऑफ़िस की कॉल आने पर ये लोग हैरान रह गए एस्टेट ऑफिस के डिजिटलाइजेशन के बाद जो काम पहले दो से तीन साल में होते थे, अब महज 15 से 20 दिन में होने लगे हैं। यूटी गेस्ट हाउसमें डीसी बराड़ ने सोमवार को कई लोगों को मकान का हस्तांतरण और लीज होल्ड मकान बेचने के लिए एनओसी के दस्तावेज सौंपे। डीसी ने लाभार्थियों से बातचीत की और उनके अनुभव जाने।

 

लोगों नेडीसी को बताया कि उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि उनका काम 20 दिन के अंदर हो गया है।  सेक्टर-15 प्रॉपर्टी में ख़रीदने के बाद हरकमल ने 27 अक्तूबर को ट्रांसफ़र के लिए अप्लाई किया था और आज उन्हें डीसी की तरफ से अलाटमेंट लेटर जारी कर दिया गया। हरकमल ने बताया कि जल्दी काम होने का उन्हें यक़ीन नहीं आया, जबकि पहले उनका एक ऐसा ही काफी समय तक लटका रहा था और वो रोज़ अपने बेटे से उसका स्टेटस पूछती थी।  इस दौरान डीसी ने कहा कि पहले इस्टेट ऑफ़िस से अधिकारी जाना नहीं चाहते थे। ऑनलाइन के बाद  अब अधिकारी यहाँ से निकलना चाहते हैं। यही कारण है कि कार्मिक विभाग ने उनकी ट्रांसफ़र पर रोक लगा दी थी। यहाँ तक कि जल्दी रिटायरमेंट के चार केस भी उनकी तरफ से रिजेक्ट कर दिए गए।  इस दौरान लोगों ने कहा कि आवेदन के बाद वह इस बात के लिए तैयार थे कि एस्टेट ऑफिस में पैसे देने पड़ेंगे, चक्कर काटने पड़ेंगे और कई महीनों बाद जाकर काम होगा कुछ दिन पहले ही आवेदन करने के बाद सोमवार को ही एस्टेट ऑफिस से कॉल आ गया किआपका काम हो गया है और सर्टिफ़िकेट ले जाएं।

इस पर डीसी ने कहा कि वहमानते हैं कि एस्टेट ऑफिस को लेकर शहरवासियों के मन में धारणा ठीक नही है।

पारदर्शिता की कमी थीलोग बात करते थे कि क्या कभी एस्टेटऑफिस सुधरेगा लेकिन अब सब कुछ बदल गया है।लोगों के काम जल्दी हो रहे हैं ये बहुत कठिन काम था, जिसे करने में100 से ज्यादा कर्मचारी पिछले डेढ़ साल से लगे हुए हैं।

Rajinder sharma

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