अवार्ड की अप्रूवल ऑनलाइन ली जा सकती थी  एक मुद्दे पर सीनेट पर पी.यू. करेगा पैसे बर्बाद

Saturday, Apr 20, 2019 - 10:24 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पी.यू. में होने वाली कनवोकेशन में डी-लिट व विज्ञान रत्न अवार्ड देने के नामों की अप्रूवल के लिए सीनेट बैठक में 91 सदस्यों को बुलाने का सीनेटर्स का विरोध जारी है। एक एजैंडे के लिए कुछ सीनेटर्स ने ऑनलाइन ई-मेल भेजकर ही सीनेटर्स को अवार्ड देने के नामों की अप्रूवल लेेने की मांग की थी, लेकिन इस पर पी.यू. प्रबंधन ने खासा ध्यान नहीं दिया। 

ध्यान रहे कि रविवार सुबह पहले इस एक एजैंडे के लिए एक घंटे के लिए सिंडीकेट की बैठक होगी और उसके बाद सीनेट की बैठक चलेगी, जिसमें हंगामा होने के आसार हैं। सीनेटर आर.एस. जांझी ने कहा कि इन डी-लिट व विज्ञान रत्न अवार्ड देने के नामों को फाइनल करने के लिए ऑनलाइन अप्रूवल भी ली जा सकती थी। 

इसके लिए कुछ सीनेटर ने वी.सी. को पत्र भी लिखा था लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अगर बैठक रखी थी तो 29 अप्रैल की बैठक 21 अप्रैल को ही कर लेनी चाहिए थी और उन सारे एजैडों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए जो अगली सीनेट में शामिल किए जाने है। इससे पी.यू. का पैसा बचता। 

लाखों खर्च होते हैं
सीनेट की बैठक करवाने में लाखों रुपए खर्च होता है। पी.यू. इस समय आर्थिक तंगी झेल रहा है और अब सिर्फ एक एजैंडे के लिए सीनेट की बैठक बुलाना ठीक नहीं है।  जानकारी के मुताबिक रविवार को होनी वाली सीनेट डीलिट का अवार्ड देने के लिए डॉ. सुधा. एन. मूर्ति को दिए जाने का एजैंडा आएगा। डॉ. सुधा मूर्ति इनफोसिस फाऊंडेशन बैंगलोर से ट्रस्टी है। वहीं, स्पेस विभाग बेंगलूरू के सैक्रेट्री व इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवान को विज्ञान रत्न से सम्मानित किए जाने का मुद्दा उठेगा। 

सीनेटर्स कर रहे विरोध
वहीं, सीनेटर सुभाष शर्मा इस मुद्दे को उठाएंगे किजब 19 सीनेटर ने मिलकर 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति के बाद प्रिंसीपल के तौर पर नियुक्ति के संबंध में स्पैशल सीनेट की बैठक बुलाने की बात कही तो स्पैशल सीनेट क्यों बुलाई नहीं गई। अब पी.यू. में सिर्फ एक एजैंडे को लेकर ही सीनेट बैठक बुलाई जा रही है। वहीं, अन्य कुछ सीनेटर्स का कहना है कि बैठक में सीनेट के सभी एजैंडे शामिल होने चाहिए थे।

 गौरतलब हैकि वर्ष-2019 की पहली सीनेट बैठक मार्च माह में होनी थी जिसमें बोर्ड ऑफ फाइनांस से जुड़े मुद्दे शामिल होने थे लेकिन यह सीनेट बैठक अप्रैल में करने का फैसला लिया गया जो कनवोकेशन के अगले दिन 29 अप्रैल को होनी थी लेकिन फिर इसे पोस्टपोन कर दिया गया लेकिन अब जो स्पैशल सीनेट बैठक बुलाई गई है उसमें सिर्फ एक ही एजैंडे पर चर्चा होगी। 

सीनेटर चमन लाल पहले ही डॉ. सुधा को डी-लिट की डिग्री देने का कर चुके विरोध
सीनेटर चमन लाल पहले ही डॉ. सुधा मूर्ति को डीलिट की डिग्री देने का विरोध कर चुके हैं। चमन लाल ने साफ शब्दों में कहा कि डॉ. सुधा मूर्ति को डीलिट अवार्ड से सम्मानित किया जाना, सीधे तौर पर उनके पति नारायण मूर्ति को फेवर करना है। 

एक एजैंडे के लिए बैठक बुलाना गलत
सीनेटर इंद्रपाल सिद्धू ने कहा कि सीनेट की बैठक सिर्फ दो नामों पर सहमति बनाने के लिए बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि सीनेट के सदस्य काफी दूर-दूर से आते हैं। पी.यू.प्रबंधन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। सीनेटर जगदीश मेहता ने कहा कि अमूनन कोनवोकेशन में जिन शख्सियत को सम्मानित किया जाता है, उनके नाम पर हमेशा ही सहमति बन जाती है जिन पर कभी बहसबाजी नहीं हुई। सिर्फ एक ही एजैंडे के लिए सीनेट बुलाना ठीक नहीं है। सीनेटर संदीप सीकरी ने कहा किइस तरह से सीनेट नहीं करनी चाहिए थी। इस तरह से किसी को ऑनर करना भी उनकी बेइज्जती करनेके बराबर ही है, क्योंकि जिन्हें सम्मानित किया जाना है, उन्हें इसकी पूरी जानकारी है। उन्हें इंफोर्म करने के बाद अब उनके नाम पर अप्रूवल ली जा रही है, जो गलत है। 

bhavita joshi

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