बजट 2023-24 : चंडीगढ़ की झोली में कितने करोड़ आएंगे, केंद्र सरकार से मांगे करीब 7000 करोड़ रुपये

punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 07:31 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)।मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को लोकसभा में पेश करेंगी। ऐसे में इस बजट से सभी वर्ग के लोगों को खास उम्मीदें हैं। चंडीगढ़ की झोली में कितने करोड़ रुपए आएंगे, ये भी बुधवार को साफ हो जाएगा। यूटी प्रशासन ने इस बार केंद्र सरकार से अब तक के सबसे अधिक बजट की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन की ये मांग पूरी होगी या फिर हर बार की तरह ही इस बार भी बजट में केंद्र सरकार की तरफ से कट लगाया जाएगा।

 

 

जानकारी के अनुसार यूटी प्रशासन ने वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार से करीब 7000 करोड़ रुपये मांगे हैं। ये प्रशासन के वर्तमान बजट से 1221 करोड़ रुपये ज्यादा है। केंद्र सरकार ने एक फरवरी 2022 को वर्ष 2022-23 के लिए 5382.79 करोड़ रुपये चंडीगढ़ की झोली में डाले थे। इसमें रेवेन्यू हेड यानी वेतन, भत्ते व अन्य खर्चों के लिए 4843.46 करोड़ जबकि कैपिटल हेड यानी विकास कार्यों के लिए 539.33 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि प्रशासन ने 5833 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसमें से 450 करोड़ के बजट पर कैंची चल गई लेकिन वर्ष 2023-24 के लिए प्रशासन ने करीब 7000 करोड़ रुपये मांगे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अधिक बजट की मांग इसलिए की गई है, ताकि गांवों के विकास को गति दी जा सके और साथ ही पिछले काफी समय से रुकी हुई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा सकें। इसके अलावा अधिक बजट नगर निगम में शामिल हुए गांवों के विकास कार्य, कचरा निस्तारण प्लांट का कायाकल्प व प्रशासन की कुछ प्रमुख परियोजनाओं के लिए मांगा गया है। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ये अब तक का सबसे बड़ा बजट है, क्योंकि पिछले काफी समय से लंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाना है और साथ ही गांवों के विकास के लिए भी अतिरिक्त फंड की जरुरत है। प्रशासन ने कई नई परियोजनाओं पर भी काम शुरु करना है।

 

 

किस साल कितना बजट मिला
वर्ष                             मांग                             बजट               

2015-16               4229 करोड़                    3543 करोड़

2016-17               5489 करोड़                   3937.47 करोड़

2017-18               6151 करोड़                   4312.40 करोड़

2018-19               5908 करोड़                   4511.91 करोड़

2019-20               5218 करोड़                   4753.12 करोड़

2020-21               5300 करोड़                  5138.10 करोड़

2021-22               5670.31 करोड़              5186.12 करोड़

2022-23               5833 करोड़                   5382.79 करोड़


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News Editor

Ajay Chandigarh

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