टर्म लाइफ इंश्योरेंस: टैक्स बचत ही नहीं, बल्कि बेहतर वित्तीय सुरक्षा की गारंटी

punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 10:39 AM (IST)

चंडीगढ़। फोनपे इंश्योरेंस ब्रोकिंग सर्विसेज द्वारा भारत में, टर्म लाइफ इंश्योरेंस को अक्सर आयकर अधिनियम की धारा 80 C और 10(10D) के तहत मिलने वाले लाभों के कारण महज एक टैक्स-सेविंग टूल्स समझ लिया जाता है। हालाँकि ₹1.5 लाख तक की टैक्स की कटौती और टैक्स-फ्री लाभ आकर्षक हैं, टर्म इंश्योरेंस का मुख्य लक्ष्य परिवारों के लिए लंबे समय तक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
बहुत लंबे समय से, भारत में वित्तीय प्लानिंग निवेश-आधारित साधनों की ओर झुका हुआ है। लाइफ इंश्योरेंस आमतौर पर ULIP और एंडोमेंट प्लान जैसे बचत-आधारित प्रोडक्ट के साथ बंडल किया जाता है, जो जोखिम सुरक्षा के बजाय धन बढ़ाने के विचार को बढ़ावा देता है। इस तरह की सोच ने टर्म इंश्योरेंस को दरकिनार कर दिया है, जबकि यह लाइफ कवर का सबसे किफायती और केंद्रित प्रकार है।
नतीजतन, अधिकांश भारतीय परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। एक व्यक्ति के आय पर निर्भर परिवारों के लिए, कमाने वाले सदस्य की अचानक मृत्यु, गंभीर वित्तीय संकट का कारण बन सकती है। EMI, स्कूल की फीस, मेडिकल बिल और रोज़मर्रा की ज़रूरतों जैसे नियमित खर्च जल्दी ही भारी पड़ सकते हैं।
इसे सामने रखते हुए, आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 2.12 लाख रुपये प्रति वर्ष आंकी गई है।  एक मध्यम आय वाले परिवार के लिए निम्न पर विचार करें :
●    होम लोन की EMI और किराया: मुंबई और बैंगलोर जैसे महानगरीय शहरों में रहने की लागत ₹3,00,000-₹7,00,000 प्रति वर्ष के बीच है, जबकि टियर-2 शहरों में भी किराया ₹3,00,000 वार्षिक तक हो सकता है।
●    बच्चों की शिक्षा: निजी स्कूल की फीस प्रति बच्चा सालाना 50,000 रुपये से लेकर 3,00,000 रुपये तक हो सकती है, तथा उच्च शिक्षा की लागत कई लाख रुपये तक हो सकती है।
●    दैनिक जरूरतों का खर्च: चार सदस्यों वाले परिवार के लिए किराने का सामान, उपयोगिता और परिवहन पर सालाना 12,00,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है।
●    हेल्थकेयर के खर्चे: नियमित चिकित्सा के खर्चे और आपातकालीन स्वास्थ्य के देखभाल पर सालाना 60,000 रुपये का अतिरिक्त खर्च आ सकता है।
●    बिज़नेस और प्रोफेशनल खर्चे: स्व-रोज़गार व्यक्तियों के लिए, व्यवसाय से संबंधित लागत जैसे कार्यालय किराया, कर्मचारियों का वेतन और लोन EMI वित्तीय देनदारियों को और बढ़ा देते हैं।
ये वास्तविक आँकड़ें हैं, जो बाज़ार सर्वेक्षणों और दैनिक जीवन पर आधारित हैं। टर्म इंश्योरेंस जैसे वित्तीय सुरक्षा जाल के बिना, ऐसे घर अपनी वित्तीय स्थिरता खोने से बस एक अनहोनी दूर हैं।
यहाँ मुख्य चिंता सिर्फ़ कम इंश्योरेंस कवरेज ही नहीं है, बल्कि इंश्योरेंस ना होना भी है। नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी के अनुसार, भारत का इंश्योरेंस सुरक्षा अंतर 90% तक पहुंच गया है। कई लोग प्रीमियम को न्यूनतम रखने के लिए कम कवर राशि चुनते हैं, जो अनजाने में लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य उद्देश्य को ही समाप्त कर देता है।
आदर्श रूप से, किसी व्यक्ति को अपनी मौजूदा देनदारियों को ध्यान में रखते हुए, अपनी वार्षिक आय का 10 से 15 गुना इंश्योरेंस राशि चुननी चाहिए। उदाहरण के लिए, सालाना ₹10 लाख कमाने वाले किसी व्यक्ति के पास कम से कम ₹1-1.5 करोड़ का टर्म कवर होना चाहिए। इससे कम होने पर उनके ऊपर निर्भर लोगों पर लंबे समय तक वित्तीय तनाव का खतरा रहता है।
हालांकि ये अंतर चिंताजनक हैं, लेकिन अच्छी खबर यह है कि डिजिटल बीमा प्लेटफ़ॉर्म के आने से टर्म प्लान को पहले से कहीं ज़्यादा बेहतर, पारदर्शी और किफ़ायती बना दिया है। फोनपे में, हम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके भारत में टर्म लाइफ कवर के प्रति नज़रिए को नया रूप दे रहे हैं।
हम परिवारों के लिए अपने भविष्य की सुरक्षा करना इस प्रकार आसान बना रहे हैं:
●    प्री-अप्रूवड ऑफर जो जारी करने के समय को कम करते हैं और निर्णय लेने में आसानी प्रदान करते हैं

●    ज़ीरो-कॉस्ट एश्योरेंस- जो आप देखते हैं वही आपको पेमेंट करना होगा, कोई छिपी हुई फीस नहीं

●    प्लान पर 15% तक की छूट

●    मासिक और वार्षिक प्रीमियम विकल्प, ताकि आप अपने धन प्रवाह के लिए उपयुक्त विकल्प चुन सकें

●    प्लेन चुनने, पॉलिसी जारी करने और क्लेम में सपोर्ट के साथ हर एक स्टेप में मदद करने के लिए एक रिलेशनशिप मैनेजर होता है।
हम निष्पक्ष सलाह, बेहतर डिजिटल यात्रा और बिक्री के बाद लगातार मदद के माध्यम से विश्वास बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा प्लेटफ़ॉर्म टॉप रेटेड इंश्योरेंस कंपनियों को एक साथ लाता है, जिससे यूजर को विभिन्न ब्रांड्स और लाभों के बीच तुलना करने की स्पष्टता मिलती है।
जैसे-जैसे भारत सामूहिक रूप से IRDAI के '2047 तक सभी के लिए इंश्योरेंस' की ओर बढ़ रहा है, अब समय आ गया है कि हम नज़रिया बदलें। टर्म इंश्योरेंस, सिर्फ़ टैक्स सीज़न के लिए चेकबॉक्स नहीं है - यह ज़िम्मेदार वित्तीय प्लानिंग का आधार है।
फोनपे में हमारा लक्ष्य इंश्योरेंस को समझना आसान बनाना, अधिक भारतीयों को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करना और हर परिवार के लिए सरल और भरोसेमंद टर्म लाइफ प्लान पेश करना है।
क्योंकि असली आर्थिक सुरक्षा ज्यादा रिटर्न से नहीं, बल्कि मानसिक शांति से मिलती है।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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