कड़े रूल्स के कारण कई प्रोजैक्ट के टैंडर हो रहे फेल

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 11:00 AM (IST)

चंडीगढ़ (ब्यूरो): शहर में अधिकारियों के कड़े रूल्स के कारण कई प्रोजैक्ट के टैंडर फेल साबित हो रहे हैं। अब सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के 550 करोड़ के टैंडर में भी अफसरों की ऐसी शर्तें हैं जिनका फायदा सिर्फ दो कंपनियों को हो रहा है। इनमें एल.एंड.टी. तथा वाटेक हैं। एस.टी.पी. प्लांट लगाने वाली देश की 12 कंपनियां रिजैक्ट हो गई हैं। इसके टैंडर के लिए शर्तें ऐसी हैं कि ज्यादातर कंपनियां पूरी ही नहीं कर पा रही। इसी कारण एस.टी.पी. प्लांट्स के प्रोजैक्ट के लिए तीसरी बार टैंडर कॉल करना पड़ा। प्रशासन के सीनियर अफसरों को शिकायतें आई हैं कि इस प्रोजैक्ट के टैंडर में ऐसी शर्तें इसलिए डाली गई, ताकि चुनिंदा कंपनियों को फायदा मिल सके। सोमवार 14 अक्तूबर को टैंडर के लिए बिग करने का आखिरी दिन है। 

 

एल.एंड टी. और वाटेक करेंगी बिड
सोमवार को स्मार्ट सिटी ऑफिस में एस.टी.पी. प्रोजैक्ट के लिए दो कंपनियां बिड करेंगी। इनमें एल.एंड टी. और वाटेक हैं। सूत्रों के अनुसार वाटेक प्रतिस्पर्धात्मक बिग करके टैंडर को हासिल करेगी। टैंडर 550 करोड़ रुपए का है। स्मार्टसिटी ऑफिस को तीसरी बार  टैंडर करने पर भी दो कंपनियां ही मिलेंगी। एस.टी.पी. प्रोजैक्ट का पहली बार टैंडर किया गया था तो केवल एल.एंड टी. ने इसके लिए आवेदन किया था। दूसरी बार टैंडर किया गया तो एल.एड टी. के साथ वाटेक ने बिग की, लेकिन फिर टैंडर रद्द कर दिया गया। 

 

शर्तें रिलैक्स करने की मांग
एस.टी.पी. प्रोजैक्ट में डील करने वाली देश की नामी कंपनियों ने प्रशासन से टैंडर की शर्तों को रिलैक्स करने की मांग की है ताकि अन्य कंपनियां भी इसके लिए आवेदन कर सकें। लेकिन   टैक्नीकल कमेटी ने इस मांग को ठुकरा दिया। इन कंपनियों में खिलारी इंफ्रास्ट्रक्चर तथा शापूरजी पालोनजी एवं यूनाइटेड फास्फोरस की सबसिडरी घारपोरे  इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर तक भी शिकायत पहुंची कि एस.टी.पी. प्रोजैक्ट के टैंडर की शर्तें केवल दो तीन कंपनियों के लिए ही बनाई गई हैं। ताकि इन कंपनियों को फेवर किया जा सके।


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pooja verma

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