मंदिर कमेटी मामले में कोर्ट ने तहसीलदार की बनाई कमेटी पर लगाई रोक

Wednesday, May 11, 2016 - 09:06 AM (IST)

पंचकूला, (मुकेश ): पंचकूला के सैक्टर-19 के सनातन धर्म मंदिर के प्रशासक के तौर पर काम कर रहे नायब तहसीलदार रुपिंद सिंह ने जो 10 सदस्यों की कथित कमेटी का गठन किया था, माननीय पंचकूला कोर्ट ने नायब तहसीलदार द्वारा कठित कथित कमेटी पर रोक लगा दी है। 

 

जिसके चलते पंचकूला जिला प्रशासन को कोर्ट से झटका लगा है। मंदिर की आजीवन सदस्ययों द्वारा नायब तहसीलदा के कथित कमेटी सदस्यों के निर्देशों के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया  गया था।  

 

मंदिर कमेटी के सदस्यों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि मंदिर के संविधान में स्पष्ट लिखा है कि जिसके पास मंदिर की सदस्यता होगी, उसी को मंदिर कमेटी में रखा जा सकता है जबकि नायब-तहसीलदार ने जिन दस लोगों का कथित तौर पर नाम मंदिर कमेटी में डालकर निर्देश जारी किए वह सरासर गलत है। 

 

यही नहीं नायब-तहसीलदार पहली बनाई गई कमेटी को भंग किए बिना ही दूसरी कमेटी का गठन कर दिया गया था। निर्देशों के ऊपर न को डायरी नंबर लगा हुआ था और न ही जिस शख्स को मंदिर कमेटी में रखा गया उसके पता, सिर्फ नाम ही लिस्ट में दिए गए थे। कोर्ट में इस बात की भी गुहार लगाई गई कि मंदिर के संविधान के मुताबिक चुनाव कराए जाए। 

 

वहीं कोर्ट द्वारा सम्मन जारी किए गए थे लेकिन उसके बावजूद डिफेंडैंट नंबर 5 से 13 तक कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए और न ही उनकी तरफ से कोई वकील पेश हुआ। केस के संबंध में कई बार आवाज लगाई गई। दोपहर 3.50 तक इंतजार के बाद इन्हें एक्स-पार्टी कर दिया गया। 

 

गौरतलब है कि रजिस्ट्रार ने डी.सी. को लिखा था कि सनातन धर्म मंदिर पर प्रशासक नियुक्त कर वहां पर छह महीने के भीतर चुनाव करवाए जाएं। जिसके चलते डीसी ने नायब तहसीलदार को मंदिर का प्रशासक नियुक्त किया था। पहले तो नायब तहसीलदार ने छह महीनों में चुनाव करवाने की जहमत ही नहीं उठाई। 

 

अब आठ महीने बीत जाने के बाद उन लोगों के नाम की कमेटी गठित कर दी, जो मंदिर कमेटी के सदस्य ही नहीं हैं। यही नहीं रजिस्ट्रार ने आठ लोगों की एक एडहॉक कमेटी बनाई थी। जिसका चेयरमैन देवराज शर्मा को नियुक्त किया था। लेकिन जब नायब तहसीलदार ने मंदिर की चाबियां ली तो उन्होंने रिकार्ड को अपने कब्जे में लेने की कोई रिसीविंग लेना भी उचित नहीं समझा। 

 

जबकि लाखों रुपए की लेन-देने, सोने व चांदी के गहने व कैश मंदिर में मौजूद था। इस संबंध में देवराज पहले ही डी.सी. को लिखित में नायब तहसीलदार के खिलाफ शिकायत दे चुके हैं,लेकिन डी.सी. ने उस पर अब तक को कार्रवाई नहीं की। 

 

नायब तहसीलदार ने फरवरी 2016 में सनातन धर्म मंदिर की आठ सदस्यों की एक कमेटी गठित करने के आदेश दिए गए। जिसमें इलाके के पार्षद रविकांत का नाम भी शमिल किया गया। लेकिन उसी सूची में से दो सदस्यों ने खुद अपना नाम बाहर करने के लिए कहा था। जिसके बाद नायब तहसीलदार ने नई कमेटी गठित की, जिसमें दस सदस्यों का नाम दिया।

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