प्रशासन शहर के आऊटर एरिया के स्कूलों में टीचर भेजने की तैयारी में

punjabkesari.in Monday, Jun 25, 2018 - 09:53 AM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ के सैंट्रल एरिया में स्थित स्कूलों में टीचरों की ज्यादा संख्या है, जबकि इसके आऊटर में पड़ते स्कूलों में टीचर जाने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि आऊटर के स्कूलों में स्टूडैंट्स की तादाद तो अच्छी खासी है लेकिन उसके अनुरूप टीचरों की संख्या नहीं है। यू.टी. प्रशासन ने अपने स्तर पर सर्वे कराया है, उसमें आउटर एरिया के स्कूलों में रिजल्ट कम आने की एक यह मुख्य वजह सामने आई है। 

प्रशासन आऊटर के स्कूलों में नए सत्र से टीचर भेजने की तैयारी कर रहा है। सरकारी स्कूलों के खराब नतीजे आने के बाद प्रशासन ने पता लगाया कि आखिर चंडीगढ़ में इतने बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के बावजूद कम रिजल्ट क्यों आया। पता चला कि शहर के आऊटर एरिया के स्कूलों में टीचरों की संख्या ही पूरी नहीं है। कई कक्षाओं में स्टूडैंट्स को दूसरे विषयों के टीचर पढ़ा रहे हैं। 

नए सत्र से प्रशासन रैशनेलाइजेशन की पॉलिसी बनाकर इन स्कूलों में टीचरों की संख्या बढ़ाने जा रहा है। नया सत्र शुरू होने से प्रशासन बड़े स्तर पर टीचरों के तबादले करने की योजना बना रहा है। बता दें कि टी.जी.टी. के कुल 2455 पदों में से 644 पोस्टें खाली हैं। 276 पोस्टों पर कांट्रैक्ट पर गैस्ट टीचर नियुक्त किए गए हैं। 

जे.बी.टी. के पदों पर भी 275 पोस्टें खाली हैं। 175 पद तो ऐसे हैं जिन पर कांट्रैक्ट पर गैस्ट टीचर काम कर रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत भी कुल 1375 पोस्टों में से कुल 575 खाली पड़ी हैं। लैक्चरर कैडर में भी जल्द 180 पोस्टें बढऩे की संभावना है।

स्कूलों में जल्द की जाएगी रैशनेलाइजेशन :
एजुकेशन सैक्रेटरी बी.एल. शर्मा के मुताबिक जल्द स्कूलों में रैशनेलाइजेशन की जाएगी। आऊटर स्कूलों में स्टूडैंट्स की संख्या ज्यादा है, जबकि टीचरों की संख्या उस अनुपात में नहीं है। स्कूलों के खराब रिजल्ट होने की एक बड़ी वजह यह भी रही है। सैंट्रल के स्कूलों में टीचरों की भरमार है। 


 


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