तारा समर्थकों ने जेल परिसर के बाहर डाला डेरा कड़ी सुरक्षा में कोर्ट पहुंचे जज

punjabkesari.in Sunday, Mar 18, 2018 - 09:02 AM (IST)

चंडीगढ़(संदीप) : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में दोषी आतंकी जगतार सिंह तारा को शनिवार को विशेष अदालत ने सजा सुनाई। जेल में लगी विशेष अदालत में शनिवार सुबह केस की सुनवाई शुरू होने से पहले ही जगतार सिंह तारा के समर्थकों ने डेरा डाल दिया। सुबह से लेकर शाम को सजा सुनाए जाने के बाद तक अनेक समर्थक यहां मौजूद रहे। अदालत में जज पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचे और सजा सुनाए जाने के बाद दोपहर बाद करीब 3:25 बजे यहां से निकले।

 

तारा समेत सात को सुनाई जा सकी है सजा :
31 अगस्त 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय की बिल्डिंग के पास हुए बम ब्लास्ट में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की मौत हो गई थी। इस ब्लास्ट में 17 अन्य लोगों की भी मौत हुई थी। हत्याकांड में दोषी पाए गए बलवंत सिंह राजोआणा को पटियाला जेल में 31 मार्च 2012 को फांसी देने के वारंट अदालत ने जारी किए थे।

 

हालांकि किन्हीं कारणों से केंद्र सरकार ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी। मामले में कुल 10 में से 6 दोषियों को 27 जुलाई, 2007 को जिला अदालत ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई थी। अदालत ने केस में जगतार सिंह हवारा, शमशेर सिंह, लखविंदर सिंह, नसीब सिंह, बलवंत सिंह और गुरमीत सिंह को हत्या, हत्या के प्रयास, आत्महत्या के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश रचने और एक्सप्लोजिव एक्ट की धारा 4, 5 व 6 के तहत दोषी पाया गया था। 

 

वहीं नसीब सिंह को एक्सप्लोजिव एक्ट की धारा-5 में दोषी पाया गया था जबकि सातवें आरोपी नवजोत सिंह को अदालत ने बरी कर दिया था। इनके अलावा ट्रायल के दौरान वर्ष 2004 में बुड़ैल जेल ब्रेक कर फरार हुए आठवें आरोपी परमजीत सिंह भ्यौरा को बाद में इसी मामले में सजा हुई थी। हवारा और भ्यौरा को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 

 

जेल के बोर्ड पर पोती कालिख :
दोपहर के समय बलजीत सिंह खालसा भी यहां पहुंचा और उसने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में लिखे गए जेल के बोर्ड पर कालिख पोतने का प्रयास किया। अपने साथ लाए गए काले रंग के पेंट और ब्रश से वह जेल के बोर्ड पर कालिख पोतने लगा। 

 

अभी उसने बोर्ड में एक तरफ ही ब्रश से कालिख पोती थी कि वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे काबू कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे समझाते हुए वहां से जाने दिया। बलजीत सिंह पहले भी शहर में ऐसे कई सरकारी भवनों के बोर्ड पर कालिख पोत चुका है जिनके साइन बोर्ड पंजाबी भाषा में नहीं थे। ऐसे ही मामलों में पुलिस द्वारा उसके खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर जिला अदालत में भी उसे पर जुर्माना लगाया जा चुका है।

 

विशेष अदालत ने सजा सुनाई :
-आई.पी.सी. की धारा 120बी, 302 और 4, 5 विस्फोटक अधिनियम के तहत उम्रकैद और 10 हजार रुपए फाइन।

-आई.पी.सी. की धारा 109, 302 के तहत उम्रकैद और 10 हजार रुपए का जार्माना भी लगाया।

-आई.पी.सी. की धारा 109, 307 के तहत 10 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपए फाइन।

-विस्फोटक अधिनियम की धारा 4 (बी) (2) के तहत 10 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपए फाइन।

-विस्फोटक अधिनियम की धारा 6, 4 के तहत 10 साल कठोर कारावास और 5 हजार रुपए फाइन।

 

धारा 268 के कारण जेल में चली सुनवाई :
ऐसा व्यक्ति जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने, उपद्रव होने या अन्य किसी तरह के खतरे की संभावना हो उस पर धारा 268 लगाई जाती है। यहीं धारा जगतार सिंह तारा के खिलाफ केस में अतिरिक्त जोड़ी गई थी। इस धारा के लगने से ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के पूरे ट्रायल की सुनवाई बुड़ैल जेल की विशेष कोर्ट में की गई। इसी कारण बुड़ैल जेल से तारा को बाहर नहीं लाया जा सका। 

 

दिल्ली, पंजाब और यू.टी. में दर्ज हैं केस :
तारा के खिलाफ दिल्ली, पंजाब और यूटी में दर्ज आधा दर्जन केस दर्ज हैं। इनमें सितंबर 2009 और 2012 में जालंधर में दर्ज केस, वर्ष 2009 और 2013 में पटियाला में दर्ज दो केस, बठिंडा में नवंबर 2014 में भी केस दर्ज हुआ था। ये सभी केस आर्म्स और एमुनेशन एक्ट के हैं। इसके अलावा यूटी में जेल ब्रेक केस दर्ज है।


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