‘थिएटर लाइफ टाइम टीचर है, जिंदगी की तरह’
punjabkesari.in Monday, Oct 17, 2016 - 12:36 PM (IST)
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चंडीगढ़(त्रिपाठी) : टैलीविजन की दुनिया के मशहूर कलाकार नवीन बावा आज थिएटर की दुनिया में भी अपने नाम का डंका बजा चुके हैं। नवीन बावा रविवार को टैगोर थिएटर में मंचित होने वाले नाटक ‘बाप का बाप’ के सिलसिले में शहर में मौजूद थे। नवीन खुद इस नाटक के निर्देशक और निर्माता दोनों हैं। इसके साथ ही वे खुद इस नाटक में अपने किरदार (बच्चा) के जरिए मंच पर भी नजर आए। 2 साल पहले बनाए गए इस नाटक को अब तक अलग-अलग मंच पर 42 बार मंचित किया जा चुका है।
अक्सर लोग थिएटर फिल्मों में जाने के लिए करते हैं आपने ऐसा क्यों किया?
देखिए मेरा चक्र उल्टा है। लोग पहले थिएटर करते हैं फिर टैलीविजन और आखिरी में फिल्मों तक पहुंचते हैं। मैंने शुरूआत फिल्मों से की और अब तक करीब 14 फिल्में कर चुका हूं और पिछले 3 साल से नहीं कर रहा। मुझे थिएटर में मजा आता है।
फिल्मों से दूरी की कोई खास वजह?
नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। बस फिलहाल मैं ज्यादा काम करना चाहता हूं और अच्छा करना चाहता हूं। एक फिल्म को बनाने में साल लग जाता है और जब वह स्क्रीन पर आती है तो पहले 15 मिनट उसका भविष्य तय कर देते हैं, जबकि टैलीविजनों में वक्त मिलता है सुधार का और थिएटर तो बैस्ट है ही।
थिएटर की सबसे खास बात?
थिएटर लाइफ टाइम टीचर है बिल्कुल जिंदगी की तरह। हमेशा हर शो आपको सिखाता है। हर बार आप ऑडियंस के हिसाब से खुद को बदलने की कोशिश करते हैं और बेहतर से बेहतर होते जाते हैं। आपके दर्शक आपको तुरंत रिव्यू दे देते हैं।