एथलीट्स का सपना बनकर रह गया सिंथैटिक ट्रैक, नहीं शुरू हुआ काम

Tuesday, Apr 23, 2019 - 03:36 PM (IST)

चंडीगढ़ (लल्लन ) :  शहर में खिलाडिय़ों के लिए सैक्टर-7 स्थित स्पोर्ट्स काम्पलैक्ट में सिंथैटिक ट्रैक सपना बनकर रह गया है। विभाग ने सिंथैटिक ट्रैक की कायाकल्प के लिए बजट तो पास तो कर दिया लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। 

 

विभाग ने 5 साल पहले सिंथैटिक टै्रक का बजट पास किया था लेकिन यह तय नहीं हो पा रहा कि यह ट्रैक बनाना कहा पर हैं। जानकारी के अनुसार पास बजट वापस भी चला गया है। वहीं, स्पोर्ट्स काम्पलैक्स-46 में एथलैटिक कोच के अभाव के चलते और प्रैक्टिस के लिए इक्विपमैंट न मिलने से भी खिलाड़ी निराश हैं जिस कारण वे अभ्यास के लिए दूसरे राज्यों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। 

 

स्पोर्ट्स विभाग के खिलाडिय़ों के लिए किए सभी वायदे खोलले साबित हो रहे हैं। स्पोर्ट्स काम्पलैक्स-7 में खिलाडिय़ों को अभ्यास करने के लिए पूरे इक्यूप्मैंट नही मिल रहे हैं। जानकारी के अनुसार हाई जम्प का अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों के लिए इक्विपमैंट की कमी है। 

 

सिंथैटिक ट्रैक के लिए 3 करोड़ 90 लाख रुपए का बजट हुआ था फाइनल
सिंथैटिक ट्रैक डालने के लिए प्रशासन ने एक बड़ी राशि निर्धारित की गई थी। सैक्टर-7 में बने एथलैटिक ट्रैक की कायाकलप के लिए  3 करोड़ 90 लाख रुपए का बजट पास हुआ है लेकिन विभाग की ओर से स्पोर्ट्स काम्पलैक्स-7 में न बनाकर इस सिथैंटिक ट्रैक स्पोर्ट्स काम्पलैक्स-46 में बनाने का योजना थी लेकिन जो सिरे नहीं चढ़ी।  

 

अगर ट्रैक के कार्य शुरू ही नहीं करवाना था तो इतनी बड़ी राशि पास करने का क्या औचित्य है। प्रशासन और खेल विभाग की ओर से सुविधा न देने का असर खिलाडिय़ों के प्रदर्शन पर भी पड़ रहा है। शायद ही पिछले 5 वर्ष में यहां के एथलीटों ने बाहर किसी टूर्नामैंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया हो। 

 

यह होता है फायदा
मैदान पर सिंथैटिक ट्रैक का बिछे होने का बहुत फायदा होता है। मैच के दौरान कोई खिलाड़ी डिसबैलेंस होकर अगर गिर भी जाता है तो उसे गंभीर चोट आने की कम ही संभावना होती है और वह बड़ी इंजरी से बच जाता है। 

 

इस ट्रैक की सबसे खास बात यह होती है कि इसका हर मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है। मौसम चाहे जैसा भी हो, एथलीट इस ट्रैक पर आराम से अपना मैच पूरा कर सकते हैं। चंडीगढ़ प्रशासन शायद खिलाडिय़ों को इंटरनैशनल लेवल की सुविधा देने में नाकारा सिद्ध हो रहा है। 

pooja verma

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