स्वाइन फ्लू से शहर में तीसरी मौत, अब हेडकांस्टेबल ने तोड़ा दम

Tuesday, Aug 01, 2017 - 08:20 AM (IST)

चंडीगढ़ (अर्चना): चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू से तीसरी मौत हो गई। चंडीगढ़ पुलिस के 56 वर्षीय हैड कांस्टेबल जसबीर सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। तेज बुखार के साथ उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बीमारी की हालत में उन्हें रविवार को सैक्टर-16 स्थित गवर्नमैंट मल्टीस्पैशिएलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। जसबीर सिंह के स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए डायग्नोस्टिक टैस्ट किए गए। टैस्ट रिपोर्ट आने के बाद सोमवार दोपहर में जसबीर सिंह को सैक्टर-32 के गवर्नमैंट मैडीकल कालेज एंड हॉस्पिटल में रैफर कर दिया गया। 

 

डाक्टर्स के मुताबिक जसबीर सिंह के शरीर में संक्रमण एडवांस स्टेज में पहुंच चुका था, इसलिए शरीर पर दवाएं असर नहीं कर सकीं और उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जसबीर सिंह से पहले एच1एन1 वायरस दो लोगों की जान ले चुका है। इससे पहले सैक्टर-37 से शाम वर्मा और मलोया की 50 वर्षीय महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन का नैशनल वैक्टर बोर्न डिसीज डिपार्टमैंट सकते में आ गया है और उन स्थानों में रेपिड रिस्पांस टीम को भेज दिया गया है, जहां से भी स्वाइन फ्लू के पेशैंट्स सामने आ रहे हैं। चंडीगढ़ में 3 मौतों के अलावा स्वाइन फ्लू पॉजीटिव 13 केस सामने आ चुके हैं।

 

परिवार के लोगों को दी गईं वैक्सीन
सूत्रों की मानें तो जसबीर सिंह के संपर्क में आने वाले अस्पताल और परिवार के सारे लोगों को एच1एन1 से बचाव के लिए दवा दे दी गई है। पी.जी.आई. के तीन डाक्टर्स और एक डाक्टर का बच्चा भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आए थे। उन सबके अलावा डाक्टर्स के संपर्क में आने वाले 290 डाक्टर्स को भी स्वाइन फ्लू बचाव के लिए वैक्सीन दे दी गई है। पी.जी.आई. की मानें तो तीनों डाक्टर्स अब स्वस्थ हैं। 

 

बुखार होने पर जल्द जाएं अस्पताल
नैशनल वैक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल विभाग के नोडल ऑफिसर डा. गौरव अग्रवाल ने बताया कि जिन पेशैंट्स की भी स्वाइन फ्लू की वजह से मौत हुई है वह हॉस्पिटल में एडवांस स्टेज में पहुंचे थे। जसबीर सिंह खुद हार्ट डिसीज से भी ग्रस्त थे, परंतु वह बुखार का इलाज करने के लिए अस्पताल नहीं आए। दो दिन पहले से उन्हें सांस की तकलीफ थी, बावजूद इसके उन्होंने इलाज लेने की कोशिश नहीं की। जब उनकी हालत बहुत बिगड़ गई तब उन्हें अस्पताल लाया गया। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह बुखार, खांसी और गला खराब एक साथ होने पर लापरवाही न बरतें और सीधे अस्पताल आकर डायग्नोस्टिक टैस्ट करवाएं, ताकि समय इलाज हो सके।
 

Advertising