48 बार ब्लड दे चुकी 49 साल की सुरिंद्र ने जाते-जाते भी बचाई 4 जिंदगियां

Monday, Sep 16, 2019 - 10:02 AM (IST)

चंडीगढ़(रवि) : 49 साल की सुरिंद्रजीत कौर भाटिया ने जीते जी ब्लड डोनेट कर कई लोगों की जिंदगी बचाई। वहीं मरने के बाद भी वह 4 लोगों की जिंदगी बचा गईं। न सिर्फ सुरिंद्र बल्कि उनके पति मंजीत सिंह भाटिया भी एक रैगुलर ब्लड डोनर हैं। कपल 100 बार ब्लड डोनेट कर चुका है। 

आमतौर पर ब्रेन डैड होने पर पी.जी.आई. रोटो डिपार्टमैंट के कोर्डिनेटर्स फैमिली को ऑर्गन डोनेशन के लिए अप्रोच करते हैं, लेकिन यहां पत्नी सुरिंद्र के ब्रेन डैड होने पर मंजीत ने खुद पी.जी.आई. के रोटो डिपार्टमैंट को ऑर्गन डोनेशन के लिए कहा। 

मोरिंडा का रहने वाला यह परिवार पिछले कई साल से ब्लड डोनेशन के साथ ही सोशली बहुत एक्टिव रहा है। सुरिंद्र 48 बार जबकि मंजीत 52 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। यही देखते हुए हाल ही में पी.जी.आई. ने दोनों को कपल डोनर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था। 

ब्रेन हैमरेज होने पर लाए थे पी.जी.आई. :
8 सितम्बर को अचानक सांस लेने में दिक्कत आने पर सुरिंद्र को लोकल हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। हालत ज्यादा खराब हुई तो उन्हें 10 तारीख को मैक्स हॉस्पिटल लाया गया। डॉक्टरों ने यहां बताया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है। 12 तारीख को उन्हें ब्रेन डैड डिक्लेयर किया गया। जीते जी दूसरों की सेवा करने की भावना मरते दम तक रही। 

इसी सोच को देखते हुए पति मंजीत व बेटे मनिंदरजीत सिंह भाटिया और बेटी गगनीत कौर भाटिया ने मां के ऑर्गन डोनेट करने की बात कही। परिवार पी.जी.आई. से काफी अरसे से जुड़ा है तो सारा प्रोसैस उन्हें पता था। परिवार ने खुद पी.जी.आई. को अप्रोच किया कि वह सुरिंद्र के ऑर्गन डोनेट करना चाहते है, जिसके बाद पी.जी.आई. ने अपना आगे का प्रोसैस किया। 

दोनों ने 400 को कॉर्निया के लिए शपथ दिलवाई :
कपल ने ऑर्गन डोनेशन को लेकर बहुत काम किया। दोनों साथ मिलकर 400 लोगों से कॉर्निया के लिए प्लेज करवा चुके हैं। पति मंजीत कहते हैं कि हमने पूरी उम्र साथ मिलकर दूसरे के लिए काम किया। सुरिंद्र हमेशा दूसरों की मदद करती थी। शायद यह आखिरी मौका था कि वह दुनिया से जाते-जाते किसी की मदद कर सके। यही सोचकर हमने ऑर्गन डोनेशन का फैसला लिया। 

4 लोगों को हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट :
ब्रेन डैड सुरिंद्र के सभी ऑर्गन परिवार ने डोनेट कर दिए थे, लेकिन उनकी किडनी व कॉर्निया भी जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट हुआ। दो मरीजों में जहां किडनी लगाई गई। वहीं दो मरीजों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया। पी.जी.आई. का इस साल का अब तक यह 20वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस था, जिसे करने में पी.जी.आई. डाक्टर्स व रोटो स्टाफ ने सफलता हासिल की है।

Priyanka rana

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