आतंकी रतनदीप को पेश न करने पर नाभा जेल सुपरिंटैंडैंट पर गिरी गाज

punjabkesari.in Saturday, Feb 13, 2016 - 03:44 AM (IST)

 चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): सैक्टर-34 में वर्ष 1999 में हुए बम ब्लास्ट केस में आरोपी आतंकी रतनदीप सिंह को पूरे सुरक्षा इंतजामों के बीच अदालत में पेश न कर पाने की गाज नाभा जेल के सुपरिंटैंडैंट पर गिरी है। अदालत ने सुपरिंटैंडैंट को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ एक्शन क्यों न लिया जाए। एडिशनल सैशन जज की आर.के. जैन की अदालत में रतनदीप की पेशी न होने से पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज नहीं हो सके। संबंधित नोटिस पर 29 फरवरी को जवाब तलब किया गया है। जेल अथॉरिटी की तरफ से आरोपी रतनदीप को पेश न करने के चलते पुलिस गवाहों के रूप में इंस्पैक्टर नन्हा राम (रि.), एस.आई. पाला राम (रि.) व ए.एस.आई. कर्म चंद के बयान दर्ज नहीं हो सके। गवाहों को अगली सुनवाई के लिए बाऊंड डाऊन कर लिया है। इससे पहले रतनदीप की अर्जी पर 1 अगस्त, 2015 को अदालत ने फैसला सुनाया था। इसमें नाभा जेल के सुपरिंटैंडैंट को आदेश दिए थे कि कोर्ट में पेशी के लिए लाने ले जाने के दौरान रतनदीप की सुरक्षा को लेकर नियमों के तहत पूरे प्रबंध किए जाएं। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुपरिंटैंडैंट नाभा जेल के जवाब में कहा गया कि रतनदीप ने अन्य पंचकूला कोर्ट जाने वाले कैदियों के साथ जाने से मना कर दिया। इससे पहले भी रतनदीप अन्य कैदियों के साथ एक ही गाड़ी में आने से इंकार कर चुका है। वह इसमें अपनी जान का खतरा बता चुका है। उस मांग पर 1 अगस्त, 2015 को आदेश जारी हुए थे। इसके बावजूद नाभा जेल की तरफ से आरोपी को अदालत में पेश करने के लिए पूरे प्रबंध नहीं किए गए जिससे प्रतीत होता है कि अदालती आदेशों की पालना नहीं की गई। ऐसे में डिस्ट्रिक्ट जेल, नाभा के सुपरिंटैंडैंट को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ कोर्ट के आदेशों की पालना न करने को लेकर कार्रवाई क्यों न की जाए। गत 8 जनवरी को रतनदीप पर अदालत ने विस्फोटक एक्ट 3,4 और 5 और हत्या के प्रयास की धाराओं समेत चोट पहुंचाने की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।


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