सुखना लेक का वाटर लैवल कम होने के बाद ही टूटेगा बांध

Wednesday, May 22, 2019 - 03:32 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन): खेल विभाग शहर के रोइंग खिलाडिय़ों और वाटर स्पोर्ट्स को लेकर गंभीर नही है। पांच साल में सुखना लेक के रोइंग सैंटर के बीचोंबीच बने बांध को अभी तक खेल विभाग हटा नहीं सका है। इसके कारण रोइंग के खिलाडिय़ों को नैशनल लैवल की ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही है। अब इंजीनियरिंग विभाग का कहना है कि सुखना लेक का वाटर लैवल कम होने के बाद ही बांध को तोड़ा जा सकता है। 

लेक में इस वक्त 5 फुट से अधिक पानी है। ऐसे में लगता है कि न पानी का स्तर कम होगा और न ही बांध को तोड़ा जा सकेगा। खिलाडिय़ों को एक किलोमीटर में ही अभ्यास करना पड़ता हैं। खिलाडिय़ों की स्पीड व स्टेमिना पर असर होता है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण सुखना लेक रोइंग सैंटर पर अब इंटरनैशनल चैम्पियनशिप का आयोजन होना भी मुश्किल है। 

साल 2012 में बनाया था बांध
रोइंग सैंटर में अभ्यास कर रहे खिलाडिय़ों ने बताया कि प्रशासन की ओर से सुखना लेक में अधिक जलीय पौधे होने के कारण लेक को साफ करने के लिए 2012 जून व जुलाई में घास को निकालने की प्रक्रिया शुरू की थी। प्रशासन की ओर से रोइंग सैंटर के 2 किलोमीटर के दायरे के बीचोंबीच एक बांध बना दिया गया। प्रशासन ने कहा कि घास को निकालने के बाद इस बांध को तोड़ दिया जाएगा। लेकिन 6 साल बाद भी खेल विभाग व प्रशासन की नींद नहीं खुली है। 

कई बार अधिकारी कर चुके हैं दौरा
रोइंग कोर्स के बीच से बांध हटाने के लिए प्रशासनिक व खेल विभाग के अधिकारी कई बार रोइंग सैंटर का दौरा कर चुके हैं। इसके बाद भी यह काम कागजों में दब कर रह जाता है। बांध को हटाने के लिए इंजीनियरिंग विभाग और खेल विभाग के अधिकारियों ने अप्रैल, 2017 में दौरा किया था। तब तय किया गया था कि जून में बांध तोड़ दिया जाएगा। अधिकारियों ने वर्ष 2018 मई के अंतिम सप्ताह में भी रोंइग सैंटर का दौरा किया। तब भी रोइंग खिलाडिय़ों को सिर्फ आश्वासन ही मिला। 

bhavita joshi

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