सुखना में सीवरेज वाटर न गिरे इसके लिए उपाय जारी : UT

Saturday, Aug 19, 2017 - 11:05 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : सुखना लेक के गिरते जलस्तर को लेकर हाईकोर्ट में शुरू किए गए केस की सुनवाई में शुक्रवार को लेक में सीवरेज वाटर गिरने के मुद्दे पर यू.टी. प्रशासन और हरियाणा ने जवाब पेश किया। यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग कांऊसिल सुवीर सहगल ने कोर्ट को जानकारी दी कि सीवरेज वाटर लेक में न गिरे इसे लेकर यू.टी. का प्रोजैक्ट प्रगति पर है। 

 

उन्होंने बताया कि कैंबवाला की तरफ से आता सीवरेज वॉटर सीधे मध्यमार्ग में मेन सीवरेज पाइप में जा रहा है। पहले यह स्ट्रॉम वाटर पाइप के जरिए जाता था मगर अब सीवरेज की अलग से पाईप है। कैंबवाला से सीवरेज पाइप शुरू होता है। इसके अलावा हरियाणा ने सुखना में सीवरेज का पानी न गिरे इसके लिए कदम उठाने की बात कही। जिस पर हाईकोर्ट ने इसे आवश्यक कदम उठाने को कहा है। इससे पहले हाईकोर्ट के आदेशों पर प्रशासन ने सुखना से वीड हटाने का काम व्यापक स्तर पर चालू किया था। जलस्तर गिरने की सूरत में वर्ष के शुरुआती माह में ट्यूबवैल से पानी सुखना में पहुंचाया गया था। 

 

इजराएल की एंबैसी से बातचीत होनी है : 
सुनवाई में यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग कांऊसिल सुवीर सहगल ने कोर्ट को बताया कि इजराएल के समुंद्री पानी को ड्रिंकिंग वाटर में कन्वर्ट करने की तकनीक को लेकर इजराएल की एंबैसी से संपर्क जल्द किया जाएगा। एंबैसी से संवाद किसी बड़े अधिकारी के जरिए किया जाना है, जिसे लेकर कार्रवाई जारी है। गौरतलब है कि केस की पिछली सुनवाई पर एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया था कि प्रधानमंत्री पिछले दिनों इजराएल की यात्रा पर गए थे। 

 

वहां उन्हें समुंद्री पानी को ड्रिंकिंग वाटर में कन्वर्ट करने वाली टैक्रॉलोजी के बारे में बताया गया था। मोदी को यह पानी पिलाया गया था। इजराइल की इस टैक्नोलॉजी को चंडीगढ़ में भी बरसाती पानी को स्टोर कर ड्रिंकिंग वाटर में कन्वर्ट करने के संबंध में अपनाने पर विचार रखा गया था। इस पर हाईकोर्ट ने यू.टी. को इजराएल की एंबैसी से इस बारे में बात करने को कहा था।

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