PG से निकाले जाने पर सड़कों पर उतरे स्टूडैंट्स बोले - एग्जाम सिर पर, हम कहां जाएं ?
punjabkesari.in Saturday, Feb 29, 2020 - 11:13 AM (IST)
चंडीगढ़ (राजिंद्र): पी.जी. से निकाले जाने के विरोध में उनमें रहने वाले स्टूडैंट्स शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए। सैक्टर-22 और 32 के पी.जी. में रहने वाले स्टूडैंट्स ने प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में शहर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया। साथ ही डी.सी. ऑफिस में धरना दिया। डी.सी. मंदीप सिंह बराड़ के समझाने के बाद ही स्टूडैंट्स शांत हुए।
शुक्रवार को सैक्टर-22 और 32 के पी.जी. में रहने वाले दर्जनों स्टूडैंट्स ने विरोध प्रकट करते हुए शहर में रैली निकाल कर प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए वे डी.सी. ऑफिस पहुंचे और वहां धरना दिया। उनका कहना था कि प्रशासन की इस कार्रवाई से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। एग्जाम होने वाले हैं और पी.जी. संचालक उन्हें निकाल रहे हैं, अब वह कहां जाएं।
कार्रवाई के डर से कर रहे पी.जी. बंद
सैक्टर-32 स्थित एक अवैध पी.जी. में लगी आग से तीन स्टूडैंट्स की मौत हो गई थी। इसके बाद यू.टी. प्रशासन द्वारा शहर में संचालित किए जा रहे अवैध पी.जी. के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है। अभियान के तहत संचालकों को रजिस्ट्रेशन कराने और तय मानक पूरा करने को कहा जा रहा है। प्रशासन की इस कार्रवाई से पी.जी. संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। कार्रवाई के डर से वह अवैध पी.जी. से स्टूडैंट्स को निकाल रहे हैं। इससे स्टूडैंट्स में गुस्सा है।
स्टूडैंट्स की सुरक्षा से समझौता नहीं: डी.सी.
धरना स्थल पर पहुंचकर डी.सी. मंदीप सिंह बराड़ ने आक्रोशित स्टूडैंट्स को समझाया। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। शहर में चल रहे पी.जी. संचालक 15 दिनों के भीतर हैल्प डेस्क पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई ऐसा बड़ा हादसा न हो, इसीलिए यह अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, इस दौरान धरना स्थल पर पी.जी. संचालक भी पहुंच गए। उन्होंने डी.सी. को अपनी परेशानियां बताईं। डी.सी. ने संचालकों को कहा कि उनके साथ कोई नाइंसाफी नहीं की जाएगी। वह दिए गए समय में अपना पी.जी. रजिस्टर्ड करा सकते हैं।
स्टूडैंट्स को शहर के भवनों में एडजस्ट करने के दिए आदेश
चंडीगढ़ प्रशासन ने पी.जी. हाऊसिज पर लगाम कसने के बाद यहां रह रहे स्टूडैंट्स को राहत देते हुए उन्हें शहर के विभिन्न भवनों में एडजस्ट करने का आदेश दिया है। अगर चाहें तो इसके लिए सुविधा के अनुसार भवन पैसे ले सकते हैं। इसी तरह कालेजों को भी हिदायत दी गई है कि उन स्टूडैंट्स को एडजस्ट करें जो अवैध पी.जी. में रहते थे। इसके लिए कालेजों को उपलब्ध स्पेस और डोरमेट्री में व्यवस्था करने को कहा गया है।
यू.टी. के इंजीनियरिंग विभाग ने शहर के 6 हजार पी.जी. को एकोमोडेट करने के लिए सैक्टर-42, सैक्टर-46 और सैक्टर-50 के कामर्स कालेज और पैक में हॉस्टल बनाने शुरू कर दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर को हिदायत दी गई है कि अगले दो दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशंस क्लीयर कर ली जाएं ताकि पी.जी. हाऊस ऑनर्स को इधर-उधर न दौडऩा पड़े। प्रशासन ने क्लीयर किया है कि जो पी.जी. 7.5 मरले से कम जगह में चल रहे हैं, उन्हें सील करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
संशोधित पॉलिसी फाइनल की
प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने शुक्रवार को प्राइवेट मकानों में बतौर पेइंग गेस्ट रह रहे स्टूडैंट्स की सेफ्टी और सिक्योरिटी को मद्देनजर रखते हुए संशोधित पॉलिसी फाइनल कर दी। पॉलिसी में कुछ नए प्रोविजन जोड़े गए हैं जिसमें फायर क्लीयरैंस, एनुअल रीन्यूअल आफ लाइसैंस और जान-माल की किसी क्षति की अवस्था में हर्जाने की रकम को लेकर पी.जी. आनर्स से सर्टीफिकेट लिया जाएगा।
पी.जी. में ऑनर के न रहने की छूट नहीं दी जाएगी। जल्द ही नई कैटेगरी के हॉस्टल शहर में इंट्रोड्यूस किए जाएंगे जहां हाऊस ऑनर हॉस्टल के लिए बिल्डिंग दे सकता है। इसके लिए उन्हें प्रशासन की ओर से तय रूल फॉलो करने होंगे।
रजिस्ट्रेशन काऊंटर शुरू किए
एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि उनका मकसद शहर में चल रहे पी.जी. को बंद करना नहीं है लेकिन प्रॉपर रजिस्ट्रेशन के माध्यम से इन्हें रैगुलराइज करना है। डी.सी. ने रजिस्ट्रेशन काऊंटर शुरू किए हैं जो शनिवार और रविवार को भी खुले रहेंगे। इसके लिए जल्द ही ऑनलाइन एप्लीकेशन भी शुरू की जा रही है।
जिन परमिसिस के पास ऑक्यूपेशन सर्टीफिकेट नहीं होगा उन्हें प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन दे दिया जाएगा लेकिन तीन महीने के भीतर उन्हें ऑक्यूपेशन सर्टीफिकेट लेना होगा। प्रशासन उन पी.जी. को चलाने की भी परमिशन देगा जो यह अंडरटेकिंग देगा कि वह एक महीने में फायर क्लीयरैंस ले लेगा।