स्ट्रीट वैंडरों को अभी केवल लाइसैंस, बैठने की जगह नहीं

Tuesday, Oct 10, 2017 - 09:23 PM (IST)

चंडीगढ़, (राय): नगर निगम स्ट्रीट वैंडर एक्ट के अंतर्गत शहर के स्ट्रीट वैंडरों को अभी केवल लाइसैंस जारी कर रहा है जबकि उनके बैठने की जगह अभी नहीं बताई जा रही है। चार चरणों लाइसैंस वितरित किए जाने का काम पूरा होने के बाद ही इन लोगों को बिठाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वैंडरों के सर्वे के दौरान जितने वैंडर सर्वे में आए थे लाइसैंस लेने उनसे कम संख्या में आ रहे हैं। बताया गया कि यदि लाइसैंस के साथ-साथ उन्हें बैठने की भी जगह बताई गई तो बाद में परेशानी होगी। अभी केवल एसैंशियल सर्विस प्रोवाइडर को ही लाइसैंस दिए जा रहे हैं।

स्ट्रीट वैंडर एक्ट के तहत नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस जारी किए जाने की दिशा में गत शुक्रवार को पहला चरण पूरा कर लिया गया। पहले चरण की शुरूआत वार्ड नंबर एक में पड़ते 1 से 11 सैक्टर तक की गई थी।

पहले चरण में तीन दिनों तक शहर के सैक्टर-8 की सिविल डिस्पैंसरी में बनी अस्थायी हैल्प डैस्क के जरिए वैंडरों से बनती फीस लेकर उन्हें लाइसैंस जारी किए गए। पहले दिन 86, दूसरे दिन 102 और तीसरे दिन 151 स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस जारी किए।

अभी दूसरा चरण सैक्टर-22 कम्यूनिटी सैंटर से किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय प्रक्रिया में भी आधार कार्ड की जांच परख के बाद लाइसैंस जारी किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 4 से 11 वार्ड शामिल होंगे। इसी तरह 13 अक्तूबर से 12 से 21 तक वार्ड, 16 अक्तूबर से 18 से 25 वार्ड शामिल किए जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया चार जोन में बांटी गई है।

निगम के सोशल डिवैल्पमैंट ऑफिसर विवेक त्रिवेद्वी के मुताबिक लाइसैंस के लिए आवेदन करने वाले कई वैंडर्स के कागजों की पड़ताल के बाद ही उन्हें लाइसैंस जारी किए हैं, जिनका कहना है कि हमने कागजों की संतुष्टि नहीं होने पर कई वैंडर्स के ओवदन रिजैक्ट भी किए हैं।

लाइसैंस लेने से पूर्व वैंडर को अपने बारे में स्पष्ट करना होगा, ऐसा नहीं होगा कि एक चाय बैचने वाला वैंडर किसी अन्य सैक्टर में अन्य चीजें बेचने का कार्य करता है, उनका कहना है कि हमारे पास सर्वे का डाटा बेस है, जिससे किसी भी वैंडर के बारे में पड़ताल की जा सकती है। उनके मुताबिक पहले डिजिटल सर्वे हुआ था जिसमें अंगूठा लगवाया गया था।

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