वाहन चोरी कर मेरठ में कबाडिय़ों को बेचते थे, 7 काबू

Tuesday, Nov 06, 2018 - 02:44 PM (IST)

चंडीगढ़(सुशील): दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले 42 केसों में शामिल हरप्रीत सिंह उर्फ स्मार्टी की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने अंतरराजीय गिरोह के छह सदस्यों को काबू किया है। क्राइम ब्रांच हरप्रीत को प्रोडक्शन वांरट पर लेकर आई थी। वहीं पकड़े  गए वाहन चोरों की पहचान जीरकपुर के स्काईनेट टावर निवासी हरप्रीत सिंह उर्फ स्मार्टी, रोपड़ के गांव छोटा सुरतापुर निवासी इंद्रजीत सिंह उर्फ रिक्की, करनाल स्थित ज्योति नगर के वरिन्द्र पाल सिंह, यू.पी. के जिला मेरठ निवासी जावेद अख्तर, अब्दुल अजीज, दिल्ली के बलबीर नगर निवासी दिलावर और दिल्ली के संगम विहार  निवासी मोहम्मद असीर के रूप में हुई। 

पुलिस ने बताया कि आरोपी वरिन्द्रपाल करनाल के एक बैंक में नौकरी करता है। पुलिस ने चोरों की निशानदेही पर 8 कारें, 4  एक्टिवा व एक बाइक बरामद की। सभी आरोपियों को सोमवार जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। डी.एस.पी. क्राइम पवन कुमार ने बताया कि इंस्पैक्टर अमनजोत को सूचना मिली कि शहर में होने वाली वाहन चोरी की वारदातों में पंजाब की जेल में बंद आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ स्मार्टी शामिल है। वह जेल में रहकर अपने साथियों से वाहन चोरी की वारदात करवा रहा है। 

चंडीगढ़ पुलिस के 10 केस सुलझे
सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम हरप्रीत को 18 अक्तूबर को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई। पूछताछ में उसने बताया कि उसके गिरोह के सदस्य चंडीगढ़ से गाड़ी चोरी कर यू.पी. में कबाडिय़ों को बेच रहे हैं। पुलिस ने हरप्रीत की निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों को काबू कर लिया। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर सैक्टर-34, मनीमाजरा, सैक्टर-3 व सैक्टर-11 थाने के दो-दो केस व इंडस्ट्रियल एरिया, सैक्टर-19 थाने के एक-एक केस सोल्व किए हैं। डी.एस.पी. पवन ने बताया कि स्मार्टी व दिलावर आदतन चोर हैं। पंजाब हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ में इन्होंने चोरी की कई वारदात को अंजाम दिया है। इन राज्यों में स्मार्टी पर कुल 48 केस व दिलावर पर दिल्ली में कुल 10 केस दर्ज हैं।

30 गाडिय़ां कबाडिय़ों को बेचीं, 14 पुलिस ने की रिकवर
गिरोह के सदस्य वाहन चोरी कर मेरठ के कबाड़ी जावेद अखतर और अबदुल अजीज को स्क्रैप में बेचते थे। इसके अलावा इंद्रजीत सिंह, वीरेंद्र पाल सिंह,  मोहम्मद आशिफ और दिलावर गाडिय़ां चोरी करते थे। आरोपियों ने बताया कि वह गाड़ी का लॉक तोड़कर वारदात को अंजाम देते थे। उन्होंने बताया कि मेरठ के कबाड़ी चोरी की गाड़ी 50 हजार से एक लाख रुपए में खरीदते थे। वहीं जावेद अख्तर और अब्दुल अजीज चोरी की गाडिय़ों के इंजन और चैसी नंबर बदलकर गाड़ी आगे बेच देते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने चोरी की 30 गाड़ी कबाडिय़ों को बेची थी। जिनमें से पुलिस ने 14 गाड़ी रिकवर कर चुकी है। जबकि अन्य गाड़ी कबाडिय़ों ने बेच दी है। 

bhavita joshi

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