‘थाने व पी.सी.आर. वाहन हों ध्वनि माप यंत्रों से लैस’

Sunday, Dec 16, 2018 - 09:34 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): चंडीगढ़ के पैरीफैरी में पंजाब और हरियाणा के  मैरिज पैलेसिज, फार्म हाऊस व प्राईवेट फार्म हाऊसिज में विवाह समारोह में ऊंची आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजने पर लिए सुओ मोटो केस में शनिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स इंटरनैशनल नामक संस्था ने मामले में पार्टी बनने के लिए अर्जी दायर करते हुए हाईकोर्ट को अहम जानकारी दी। इसके मुताबिक हरियाणा में किसी भी जिले का कोई भी पुलिस थाना ध्वनि माप यंत्रों से लैस नहीं है। संस्था के प्रधान एडवोकेट नवकिरण सिंह ने बताया कि इससे बेहतर स्थिति चंडीगढ़ की है, जिनमें 15 में से 9 थानों में यह यंत्र मौजूद है।

पुलिसकर्मी शिकायत पर ढील बरतते हैं
संस्था ने कहा कि सभी थानों के प्रभारियों को शोर के सोर्स तक पहुंचने के निर्देश देने चाहिए ताकि ध्वनि प्रदूषण से जुड़े कानूनों की उचित्त रूप से पालना करते हुए ध्वनि स्तर को नापा जा सके। कहा गया कि साऊंड मीटर का बेसिक मूल्य 1500 रुपए से शुरू होता है। जब भी तेज ध्वनि(प्रदूषण) की कोई घटना प्राप्त होती है तो पुलिसकर्मी शिकायत पर कार्रवाई में ढील बरतते हैं। यदि वह कार्रवाई करते भी हैं तो संबंधित कर्मी को वाल्यूम कम करने को कह दिया जाता है। वहीं रात के समय भी साऊंड सिस्टम बजता रहता है। संस्था ने ध्वनि की मात्रा को लेकर नाईस पॉल्यूशन रैगुलेशन एंड कंट्रोल रुल्स का भी हवाला दिया। संस्था की ओर से मांग की गई कि पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए जाएं कि सभी थानों व पी.सी.आर. गाडिय़ों में ध्वनि माप यंत्र मौजूद हों ताकि ध्वनि की मात्रा मापी जा सके। वहीं बताया कि इस संबंध में पंजाब के डिपार्टमैंट ऑफ होम अफेयर्स को एक आर.टी.आई. बीते वर्ष पाई गई थी जिसका जवाब आज तक नहीं आया। मामले में अब 4 फरवरी को सुनवाई होगी। इससे पहले मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि यह सुओ-मोटो इसलिए लेना पड़ रहा है क्योंकि नयांगांव, कंसल, मोहाली आदि समेत कैंबवाला जो रिजव्र्ड फोरेस्ट के साथ लगता है जहां नेपली और कंसल वाइल्डलाईफ सैंक्चुरीज हैं वहां ऊंची आवाज में एंप्लीफायर बजता है। वहीं सुखना लेक के साथ लगते सके तड़ी में भी इसी प्रकार की समस्या है। मामले में पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन के गृह सचिवों व पुलिस अफसरों को पार्टी बनाया गया था।

bhavita joshi

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