पटियाला की राव के बिना पूरा नहीं हो पाएगा सोलर टारगेट
punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2017 - 08:05 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) ने चंडीगढ़ को 2022 तक 50 मैगावॉट सोलर एनर्जी जैनरेट करने का टारगेट दिया है। चंडीगढ़ रिन्यूअबल एनर्जी साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) आने वाले एक महीने के दौरान 13.5 मैगावॉट सोलर एनर्जी जैनरेट करने में सफल हो जाएगा, लेकिन इससे भी यह टारगेट पूरा नहीं होगा। अगर चंडीगढ़ को 50 मैगावॉट का टारगेट हासिल करना है तो पटियाला की राव में जल्द से जल्द सोलर प्रोजैक्ट लगाने का काम शुरू करना पड़ेगा।
हालांकि इस प्रोजैक्ट को 2015 में शुरू किए जाने की योजना थी, लेकिन लगभग 2 साल गुजर जाने के बावजूद अभी तक यह प्रोजैक्ट शुरू नहीं हो पाया। जिसकी वजह से चंडीगढ़ अपने टारगेट से पिछड़ता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार यह प्रोजैक्ट इतना बड़ा है कि इसे पूरा होने में ही काफी समय लग जाएगा। इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन को यह प्रोजैक्ट जल्द से जल्द शुरू करना होगा।
क्रेस्ट की बजाय इंजीनियरिंग विभाग को जिम्मेदारी :
पटियाला की राव में सोलर प्लांट लगाने की जिम्मेदारी पहले क्रेस्ट को दी गई थी, लेकिन इतने बड़े प्रोजैक्ट के लिए क्रेस्ट के पास पर्याप्त बजट नहीं था। यही वजह है कि प्रशासन ने इस प्रोजैक्ट की जिम्मेदारी इंजीनियरिंग विभाग को सौंप दी लेकिन इंजीनियरिंग विभाग ने इस प्रोजैक्ट पर अभी तक गंभीरता से काम करना शुरू नहीं किया है। अभी तक इस प्रोजैक्ट के लिए कोई कंपनी फाइनल नहीं की जा सकी है।
सैक्टर-39 का प्रोजैक्ट अभी सबसे बड़ा :
चंडीगढ़ में अभी तक कहीं भी 25 मैगावॉट का प्रोजैक्ट नहीं है। अभी तक केवल 39 के वाटर वक्र्स के सोलर प्लांट को सबसे बड़ा प्रोजैक्ट बताया जा रहा है। क्रेस्ट की ओर से यह प्लांट लगभग तैयार किया जा चुका है। यह सोलर प्लांट 2 मैगावॉट का होगा। अधिकारियों के अनुसार इस प्लांट पर 12 करोड़ से अधिक का खर्चा आया है। इलैक्ट्रिसिटी से जुड़े कुछ काम होने के बाद यह प्लांट शुरू कर दिया जाएगा।