PGI प्रशासन ने जारी किया सर्कुलर, ड्यूटी के वक्त सोशल साइट्स का इस्तेमाल हो बैन

punjabkesari.in Wednesday, Dec 13, 2017 - 10:04 AM (IST)

चंडीगढ़(रवि) : डाक्टर्स हो या पी.जी.आई. एडमिनिस्ट्रेशन स्टाफ पी.जी.आई. निदेशक प्रो. जगत राम वक्त-वक्त पर नए-नए नियम बनाकर प्रशासन को सख्त बना रहे हैं। पी.जी.आई. प्रशासन ने कर्मचारियों और फैकल्टी स्टाफ के लिए एक और नया सर्कुलर जारी करते हुए वर्किंग आवर्स में किसी भी तरह के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। 

 

सूत्रों की माने तो पिछले काफी अर्से से पी.जी.आई. प्रशासन के सामने काम के वक्त कर्मचारियों को फेसबुक, व्हाट्सएप्प, इंस्टाग्राम पर बिजी देखा जा रहा था। इसी को लेकर पी.जी.आई. ने संस्थान के सभी कर्मियों पर काम के वक्त किसी भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल काम को इफैक्ट कर रहा है। इस वजह से कर्मी अपने वर्किंग आवर्स का आधे से ज्यादा वक्त इन साइट्स पर लगा रहे हैं। 

 

वहीं, अगर आदेशों की किसी भी तरह उल्लंघना की जाती है तो कर्मी पर सख्त कार्रवाई भी होगी।  विभाग की माने तो कई यूनियन कर्मी और दूसरे कई विभागों का स्टाफ अपनी निजी फायदे के लिए इन एप्प्स पर जानकारी अपलोड कर रहे थे जो न सिर्फ संस्थान के खिलाफ है बल्कि रूल 1964 के भी खिलाफ है। 

 

पी.जी.आई. आने वाले मरीजों की अक्सर शिकायत रहती है कि डाक्टर्स को दिखाना हो या किसी विभाग में कोई क्लैरिकल काम करवाना हो, कर्मी मरीज से ज्यादा अपने फोन पर व्यस्त रहता है जिसके कारण मरीजों या उसके परिजनों को घंटों-घंटों इंतजार करना पड़ता है। न सिर्फ प्रशासन बल्कि डाक्टर्स पर भी ड्यटी के वक्त अपने फोन पर व्यस्त रहना आम बात है। 

 

कर्मियों पर काम न करने के लगते रहे हैं आरोप :
पी.जी.आई. प्रशासन की माने तो संस्थान की बहुत ही निजी जानकारी भी पिछले कई वक्त से इन सोशल एप्पस के जरिए बाहर लीक हो रही हैं। इसमें न सिर्फ छोटे पदों पर तैनात कर्मी हैं ब्लकि कई सीनियर्स भी इसमें शामिल हैं। सूत्रों की माने तो पिछले कई महीनों में ऐसे कई घटनाएं हो चुकी हैं जिसके कारण प्रशासन को यह फैसला लेना पड़ा है। 


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