मासूम से कुकर्म मामला : मेयर व दो भाजपा पार्षदों पर पोक्सो एक्ट और ट्रैसपासिंग की एफ.आई.आर.

punjabkesari.in Sunday, Feb 05, 2017 - 11:25 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि/कुलदीप) : मासूम से कुकर्म मामले के बाद स्नेहालय का दौरा करने गई चंडीगढ़ की मेयर आशा जसवाल व उनके साथ गए भाजपा के दो पार्षदों व अन्य के खिलाफ मलोया पुलिस स्टेशन में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। यह कार्रवाई समाज कल्याण विभाग की निदेशक निशू सिंघल द्वारा चंडीगढ़ के  प्रशासक वी.पी. बदनौर को भेजी लिखित शिकायत पर की गई है। 

 

शिकायत में समाज कल्याण विभाग की निदेशक ने लिखा है कि मेयर आशा जसवाल, पार्षद रविकांत शर्मा व राजेश कालिया अपने कई समर्थकों के साथ स्नेहालय में आए और वहां तैनात कर्मियों व अधिकारियों से बदसलूकी की और उन्हें धमकियां देते हुए पुलिस कार्रवाई करने की बात कही, यही नहीं मेयर स्नेहालय की कक्षाओं व अन्य स्थानों पर गई और यौन शोषित बच्चे से भी मिली थी, जिससे बातचीत भी की और उस बातचीत को मीडिया के साथ सांझा किया, जो पोक्सो एक्ट की उल्लंघना है।  

 

गौरतलब है कि ‘पंजाब केसरी’ द्वारा संस्थान में मासूम बच्चों से हो रहे कुकर्म का खुलासा करने के बाद समाज कल्याण विभाग की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। मेयर दो पार्षदों व अन्य कार्यकर्ताओं के साथ संस्थान में फ्रू ट देने के मकसद से गई तो उन्होंने वहां पीड़ित बच्चे से मिलने की इच्छा जताई थी, लेकिन वहां तैनात स्टाफ और चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी के चेयरमैन नील रॉबर्ट व अन्य कर्मियों ने उन्हें रोका था। जिस पर मेयर भड़क गई थी और कर्मियों को लताड़ लगाईं थी। 

 

इसी बात को आधार बनाते हुए समाज कल्याण विभाग की निदेशक निशू सिंघल ने उक्त शिकायत भेजी है, जिस पर चंद घंटों बाद ही एक्शन ले लिया गया। उक्त शिकायत की प्रतियां चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर, एडावाइजर, डी.सी., सचिव समाज कल्याण विभाग, चंडीगढ़ चाइल्ड राइट्स प्रोटैक्शन कमीशन की चेयरपर्सन, एस.एस.पी व मलोया थाना प्रभारी को भी भेजी है। 

 

शिकायत के बाद पुलिस के आलाधिकारियों ने बैठक कर एफ.आई.आर. दर्ज करने का फैसला लिया। एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद देर रात तक पुलिस अधिकारियों की बैठकों का दौर चल रहा था, लेकिन समाचार लिखे जाने तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया था। पुलिस को भी शिकायत में पार्टी बनाया गया है। कहा गया है कि पुलिस भी मेयर के बुलावे पर संस्थान के कर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने पहुंच गई, जबकि बुलाने वाले ही कानून तोड़ रहे थे। 

 

मेयर व पार्षद कमीशन में दर्ज करवा रहे थे बयान, यहां एफ.आई.आर. :
मेयर आशा जसवाल, पार्षद राजेश कालिया और रविकांत शर्मा को चाइल्ड राइट्स प्रोटैक्शन कमीशन ने शिकायत मिलने के बाद कार्यालय बुलाया था, जहां साढ़े चार बजे से लेकर रात 9 बजे तक कमीशन ने सभी के बयान लिए। मेयर ने बयान दिया कि शिकायत बेबुनियाद है और उन्होंने किसी तरह के कानून की उल्लंघना नहीं की वह तो पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत बच्चों को फ्रूट देने गई थी, जिनकी सूचना उन्होंने एक दिन पहले ही समाज कल्याण विभाग को पहुंचा दी थी और वीरवार सुबह 11 बजे समाज कल्याण विभाग ने फोन कर उनके आने की कंफर्मेशन भी ली थी। 

 

वह जबरन भीतर नहीं पहुंची, नहीं किसी कानून या एक्ट की अवहेलना की है। एक तरफ मेयर व उक्त पार्षद कमीशन के समक्ष बयान दर्ज करवा रहे थे, वहीं दूसरी और पुलिस के आलाधिकारी मेयर व अन्य पर एफ.आई.आर. की ग्राऊंड तैयार कर रहे थे, कमीशन से बाहर निकलने से पहले ही पुलिस एफ.आई.आर. दर्ज कर चुकी थी।  

 

इन पर भी लगे आरोप :
शिकायत में चाइल्ड राइट्स प्रोटैक्शन कमीशन को भी नहीं बख्शा गया। आरोप है कि समाज कल्याण विभाग की निदेशक कमीशन के कार्यालय गई, जहां कमीशन की चेयरपर्सन को अवगत करवाने का प्रयास किया गया, लेकिन स्टाफ ने यह कहकर उनसे नहीं मिलने दिया कि चेयरपर्सन किसी स्कूल के मामले में व्यस्त हैं। शिकायत में कमीशन के लॉ अफसर करतार सिंह का जिक्र है, जिन्होंने कार्रवाई करने की बजाए यह कहा कि अगर लिखित शिकायत मिलती है तभी कार्रवाई होगी। मेयर पर आरोप है कि वह पीड़ित बच्चे से बिना परमिशन मिलीं और उसके साथ बातचीत की, यही नहीं उन्होंने अपने समर्थकों सहित पीड़ित बच्चे के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई, जो पोक्सो एक्ट की उल्लंघना है। 


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