समाज में डर का माहौल पैदा करते हैं स्नैचर: हाईकोर्ट

Tuesday, Aug 07, 2018 - 11:11 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): स्नैचिंग को गंभीर अपराध बताते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने साफ किया कि दोषियों को सजा सुनाते हुए दया नहीं दिखाई जा सकती। हाईकोर्ट ने कहा कि सड़कों और गलियों में स्नैचर्स न सिर्फ पीड़ित महिलाओं की स्वतंत्रता व सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं बल्कि समाज में डर का माहौल भी पैदा करते हैं। 

 

ऐसे आपराधियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। रोपड़ कोर्ट की ओर से स्नैचर को सुनाई 16 माह कैद की सजा के खिलाफ अपील को ठुकराते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की। हाईकोट ने पाया कि निचली कोर्ट पहले ही 1 वर्ष 4 माह की सजा सुना नर्मी दिखा चुकी है। ऐसे में आगे और नर्मी दिखाने का कोई कारण नहीं है। 

 

पंजाब सरकार व अन्यों को पार्टी बनाते हुए गुरजंट सिंह ने याचिका दायर की थी। उसे जान से मारने, चोट पहुंचाने और रोकने की तैयारी कर लूट की धारा में दोषी पाया गया था। रोपड़ के ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट की सजा को एडिशनल सैशंस जज ने भी बरकरार रखा था।

 

बुलेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह ए.के. 47 का स्टीकर लगा था
शिकायतकर्ता  महिला सितम्बर, 2011 में शाम 5 बजे घर जा रही थी। बुलेट की पिछली सीट पर बैठा व्यक्ति गोल्ड चेन छीन फरार हो गया। खालसा गल्र्स कॉलेज, मोरिंडा के पास वारदात हुई थी। महिला ने स्नैचर को नीचे गिरा दिया था जबकि चालक भाग निकला था। स्थानीय दुकानदारों ने आरोपी को दबोच लिया था। 

 

आरोपी ने अपना नाम गुरजंट और अन्य का नाम मंदीप बताया था। बुलेट का नंबर भी बताया था। साथ ही पता चला था कि मोटरसाइकिल के पीछे का नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था, वहां एके 47 का स्टीकर लगाया था। सह आरोपी मंदीप की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। शिकायतकत्र्ता महिला ने गुरजंट की कोर्ट में पहचान कर ली थी।

Priya verma

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