स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट : 65 प्रोजैक्ट्स में से 4 ही हुए पूरे 20 अभी भी टैंडरों में उलझे

Monday, Jan 13, 2020 - 09:33 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन के स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट्स की साढ़े तीन साल बाद भी चाल धीमी है। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि करीब 65 में से 4 पांच प्रोजैक्ट ही पूरे हुए हैं, जबकि 20 प्रोजैक्ट्स अभी टैंडरों में ही उलझे हुए हैं। 

यही कारण है कि केंद्र सरकार इन प्रोजैक्ट्स को रिव्यू करने जा रही है। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से 16 जनवरी को मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग में ज्वाइंट सैके्रटरी एंड मिशन डायरैक्टर एस.सी.एम. की ओर से इन सभी प्रोजैक्ट्स की प्रोग्रैस को रिव्यू किया जाएगा।  

पंजाब-हरियाणा के छह शहरों के प्रोजैक्टों का भी रिव्यू होगा : 
प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजैक्टों को रिव्यू करने के लिए केंद्र ने दिल्ली में एक मीटिंग बुलाई है, जिसमें संबंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। मीटिंग में चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा के भी छह शहरों के प्रोजैक्ट्स को भी रिव्यू किया जाएगा।

300 करोड़ रुपए रखा था प्रोजैक्ट्स के लिए :
केंद्र सरकार से चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी का स्टेटस मिलने मिला के बाद केंद्र की ओर से प्रशासन को 300 करोड़ की राशि मिली थी। इसमें 200 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने और 100 करोड़ रुपए यू.टी. प्रशासन ने अपने पास से स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट्स के लिए रखे थे। इसके बाद भी काफी राशि केंद्र ने जारी की थी, लेकिन बावजूद इसके प्रोजैक्टों को समय पर प्रशासन शुरू व पूरा नहीं कर पा रहा है।

साढ़े तीन साल बाद भी नहीं मिला कोई रिजल्ट :
चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में 25 मई 2016 को शामिल किया गया था, जिसे साढ़े तीन साल से ऊपर हो चुके हैं, लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद भी कुछ रिजल्ट नहीं मिला है। स्मार्ट सिटी के तहत 65 के करीब प्रोजैक्ट्स शुरू करने का फैसला लिया गया था, जिसमें से सिर्फ 4,5 के करीब छोटे मोटे प्रोजैक्ट्स पूरे हुए हैं, जबकि 20 प्रोजैक्ट्स पर टैंडर प्रक्रिया चल रही है। 

केंद्र ने इन सभी प्रोजैक्टों को पूरा करने के लिए पांच साल की डैडलाइन तय की थी, लेकिन जिस हिसाब से काम चल रहा है, उससे तो लग रहा है 10 साल में भी ये प्रोजैक्ट्स पूरे नहीं होंगे। पूरे होने वाले प्रोजैक्ट्स में शहर भर में साईकिल ट्रैक तैयार करवाना, सैक्टर-16,17 अंडरपास, एलईडी स्ट्रीट लाइट्स, कॉलोनियां की वाटर, ड्रेनेज लाइन बदलने का प्रोजेक्ट शामिल है। स्मार्ट पार्किंग शुरु की थी, लेकिन उसमें भी काफी खामियां थी, जिसके चलते अब दोबारा पार्किंग की अलॉटमैंट करने का निगम द्वारा प्रयास किया जा रहा है। 

इन प्रोजैक्ट्स पर हो रहा काम :
स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से अभी फिलहाल जिन प्रोजैक्टों पर काम किया जा रहा है, उनमें डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राऊंड से 5 लाख टन कचरा उठाने, अंडर ग्राऊंड यूटिलिटी मैपिंग प्रोजैक्ट्स के तहत वाटर सप्लाई एंड सीवरेज लाइन की मैपिंग करने व स्मार्ट स्कूल तैयार करने के प्रोजैक्ट पर काम किया जा रहा है, लेकिन इन प्रोजैक्टों को पूरा होने में भी अभी फि लहाल टाइम लगेगा। 

इसके अलावा पब्लिक बाइक शेयरिंग, सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट्स को अपग्रेड करना, कमांड एंड कंट्रोल सैंटर पर भी काम किया जा रहा है, लेकिन ये सभी प्रोजैक्ट्स अभी टैंडरिंग प्रक्रिया में ही फंसे हुए हैं। ई गवर्नैंस के तहत बिल्डिंग प्लान ऑनलाइन अप्रूव करने के प्रोजैक्ट को मार्च तक पूरा करने का विभाग प्रयास कर रहा है, जिसके लिए टैंडर अलॉट किया हुआ है। 

Priyanka rana

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