ट्रिब्यून फ्लाईओवर की जगह सिग्नल फ्री इंटरचेंज बनाने का प्रस्ताव भी रद्द
Wednesday, Feb 12, 2020 - 10:02 AM (IST)
चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन ने ट्रिब्यून फ्लाईओवर के जिस प्रस्ताव पर गौर करने का अफसरों को निर्देश दिया था, अब उसे भी पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। शहर के स्ट्रक्चरल इंजीनियर तरुण माथुर की ओर से सिग्नल फ्री इंटरचेंज का प्रस्ताव दिया गया था, जिसकी प्रशासन के अफसरों के सामने प्रेजैंटेशन दी गई थी। यू.टी. प्रशासन की टैक्निकल कमेटी के सामने तरुण माथुर ने यह प्रेजैंटेशन रखी थी।
कमेटी ने प्रस्ताव में कई कमियों का जिक्र करते हुए इसे रद्द कर दिया है। दूसरी तरफ ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है, जहां से प्रशासन के आगे के रुख का पता चलेगा।
प्रस्ताव में इंटरचेंज के मोड़ काफी तीखे :
यू.टी. प्रशासन की टैक्निकल कमेटी ने यह तर्क देते हुए प्रस्ताव रद्द किया है कि प्रस्ताव में इंटरचेंज के मोड़ काफी तीखे हैं, जो नेशनल हाईवे के मानदंड को किसी सूरत में पूरा नहीं करते हैं। यह भी कहा गया कि इसके लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की जरूरत पड़ेगी।
यह आखिरी सुझाव था :
प्रशासन ने ट्रिब्यून फ्लाईओवर को लेकर लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। खुद एडवाइजर मनोज परिदा ने यू.टी. गैस्ट हाऊस में लोगों के सुझावों को मौखिक तौर पर सुना था, हालांकि प्रस्ताव की लिखित कापी भी लाने को कहा गया था। लोगों की तरफ से दिए गए सुझावों में यह आखिरी सुझाव था, जिस पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा था, लेकिन अब इसे भी तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया गया है।
काफी भूमि अधिग्रहण की जरूरत :
ट्रिब्यून फ्लाईओवर के लिए प्रशासन की तरफ से रखी गई कंसल्टैंट कंपनी स्टूप और टैक्निकल कमेटी के सदस्यों का कहना है कि तरुण माथुर की तरफ से बनाए गए प्रस्ताव में इंटरचैंज के मोड़ काफी तीखे हैं।
इनके दायरे को दोगुना करने की जरूरत है क्योंकि वे नैशनल हाईवे के नियमों को पूरा नहीं करते हैं। अगर मोड़ को चौड़ा किया जाता है तो प्रशासन को पूरे प्रोजैक्ट के लिए काफी भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ेगी और इससे पूरे प्रोजैक्ट का क्षेत्र दोगुना हो जाएगा। इसमें पेप्सू और ट्रिब्यून की भी जमीन प्रशासन को लेनी पड़ेगी।
प्रशासन ने 23 दिसम्बर को की थी सुनवाई :
यू.टी. प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों पर ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर की जगह अन्य विकल्प तलाशने के लिए शहरवासियों से उनकी राय मांगी थी। कुल 80 लोगों ने सुझाव दिए। 72 ने लिखित और बोलकर सुझाव व आपत्तियां दर्ज कराईं। 8 लोगों ने प्रेजैंटेशन व मॉडल के जरिए बात रखी। ज्यादातर फ्लाईओवर के खिलाफ थे। मॉडल बनाकर लाए लोगों को अगले दिन इंजीनियरिंग विभाग ने अपने दफ्तर बुलाया।
इसके बाद एक वित्त सचिव अजॉय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एक टैक्निकल कमेटी का गठन किया गया, जिसने सभी 8 मॉडलों को देखा। कमेटी ने 7 प्रस्तावों को रद्द कर एक तरुण माथुर के सिग्नल फ्री इंटरचैंज को विस्तृत रूप से समझने के लिए अलग से बैठक रखी। बैठक के बाद कमेटी ने उस प्रस्ताव को भी अब रद्द कर दिया।