UT में खल रही अफसरों की कमी, एक अधिकारी के जिम्मे डबल काम

Friday, Aug 18, 2017 - 12:53 PM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : नए प्रोजैक्ट्स का बोझ चंडीगढ़ प्रशासन पर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है लेकिन अधिकारियों के अभाव के चलते शहर के विकास से जुड़े काम प्रभावित हो रहे हैं। पुराने अधिकारियों की शहर से विदाई का क्रम जारी है जबकि नए अधिकारी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। इस कारण प्रशासन में इस समय अधिकारियों की काफी कमी चल रही है। इससे मौजूदा प्रशासनिक अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है। इनमें से सबसे अहम पद वित्त सचिव का है। 

 

पूर्व वित्त सचिव सर्वजीत सिंह को प्रशासन ने 30 जनवरी को रिलीव कर दिया था। तब से यह पद खाली पड़ा है। जिसका नतीजा यह हुआ कि उनके चार्जिस भी बचे सीनियर ऑफिसर्स को सौंप दिए हैं। यू.टी. की ओर से मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एम.एच.ए.) को नए ऑफिसर्स को ज्वाइन करवाने के लिए बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है लेकिन बावजूद इसके पिछले कुछ महीनों में 2004 बैच के आई.ए.एस. बी.एल. शर्मा ही प्रशासन को ज्वाइन कर पाए हैं। यही नहीं, शिल्पी पातर और विरेंद्र चौधरी के भी रीपेट्रिएट होने के बाद अब एच.सी.एस. ऑफिसर्स की कमी भी प्रशासन झेल रहा है।

 

पिछले साल थे 18 ऑफिसर्स :
प्रशासन के पास पिछले साल मार्च तक 18 आई.ए.एस. ऑफिसर्स थे। लेकिन मौजूदा समय में यह संख्या घटकर 10 रह चुकी है। यही वजह है कि प्रशासन में अधिकारियों की कमी से लगातार प्रोजैक्ट्स की कंप्लीशन में देरी हो रही है। ये सभी आई.ए.एस. ऑफिसर्स ए.जी.एम.यू.टी., पंजाब और हरियाणा केडर्स के हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा फिर से पंजाब को आई.ए.एस. ऑफिसर्स का पैनल भेजने के लिए रिमाइंडर भेजा जाएगा लेकिन पैनल आने तक मौजूदा ऑफिसर्स से ही काम चलाना होगा।

 

पंजाब से नहीं मिला रिस्पांस :
एम.एच.ए. को जहां स्पेशल सैक्रेटरी फाइनांस के लिए भी एक आई.ए.एस. भेजना है वहीं, पंजाब सरकार की ओर से भी दो आई.ए.एस. और भेजे जाने हैं। भावना गर्ग और अडप्पा कार्तिक चंडीगढ़ में अपना कार्यकाल खत्म करके वापस पंजाब लौट चुके हैं। इसके बाद प्रशासन ने बार-बार पंजाब को नए ऑफिसर्स के लिए रिमाइंडर भेजा। मगर पंजाब की ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिला। 
 

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