प्रो. कोमल सिंह को हटाया नौकरी से, सैक्सुअल हरासमैंट के थे आरोप

punjabkesari.in Monday, May 28, 2018 - 10:35 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी के सैक्सुअल हरासमैंट मामले में फंसे पबिल्क एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के असिस्टैंट प्रोफैसर कोमल सिंह को नौकरी से हटा दिया गया  है। सीनेट मीटिंग में करीब साढ़े तीन घंटे इस मुद्दे पर लंबी बहस चली और हंगामे के बीच डा. सिंह के सेवाएं पी.यू. से खत्म कर दी गईं। हालांकि डा. कोमल चाहें तो दूसरी जगह सर्विस के लिए आवेदन  कर सकते हैं। 

डा. कोमल पर कई स्टूडैंट्स ने काफी बार सैक्सुअल हरासमैंट के आरोप लगाए थे। 2017 में भी उन पर 17 स्टूडैंट्स ने एक साथ गलत शब्दों का प्रयोग कर सैक्सुअल हरासमैंट का आरोप लगाया था। डा. कोमल  पर एक  लड़की को भी थप्पड़ मारने का आरोप है। उन पर क्लास रूम में शराब पीकर आने और फिर स्टूडैंट्स से गलत बातें करने का आरोप है। वह लड़कियों को अश्लील एस.एम.एस. भी भेजते थे। 

बैठक के दौरान कई सीनेटरों ने कहा कि प्रो. कोमल की सर्विस खत्म करने के बजाए उन्हें एक मौका और मिले। उन्हें डि-एडिक्शन सैंटर भेजकर ठीक करने की कौशिश की जाए। अगर फिर भी ठीक नहीं होते तो उनकी सर्विस खत्म की जाए। बैठक की शुरूआत में सुबह  सवां 10 बजे से दोपहर करीब 1 बजे तक लंबी चर्चा हुई, जिसके बाद पी.यू. प्रबंधनने डा. कोमल की सेवाएं समाप्त कर दीं। 

लड़कियों को हाथ तो नहीं लगाया, टंडन बोले- क्या बड़ी घटना का इंतजार?
मीटिंग में एक सीनेटर ने कहा कि डा. कोमल ने लड़कियों को हाथ नहीं लगाया है, जिस पर चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि इतना कुछ होने पर क्या बड़े हादसे का इंतजार है। टंडन ने कहा कि इस मामले पर सीनेट की गत 1 अप्रैल को हुई मीटिंग में लंबी चर्चा हुई थी। जो लोग आज फिर से डा. कोमल की सर्विस न खत्म करने की बात कर रहे हैं वह खुद मामले में वोटिंग कर चुके हैं। ऐसे में मामले को फिर से न उलझाया जाए। 

डा. कोमल की सर्विस खत्म करने के लिए पिछली सीनेट में वोटिंग भी हुई थी जिसमें 32 वोट सर्विस खत्म होने पर पड़े, इसमें र्सिफ दो वोट कम होने से उनकी सर्विस खत्म होते-होते रह गई। इस बार की बैठक में यह देखना है कि  कैसे वोटिंग करनी है। ऐसे में इस मामले पर दो मिनट से ज्यादा कोई न बोले। इस पर बरिंद्र गिल ने कहा कि सबके अपने-अपने तर्क होते हैं जो पांच मिनट के भी हो सकते है और 10 मिनट के भी। 

किसी को बोलने से रोका नहीं जा सकता। सीनेटर अजय रंगा ने कहा कि अगर किसी के पास समय नहीं है तो वह  अपना समय यहां आकर बर्बाद न करे। सीनेटर सुभाष ने  कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कुछ लोग चाहते है कि एजैंडा खत्म ही न हो। ऐसे में बार-बार एक की मुद्दे पर चर्चा की जाती है। 


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