सैक्सुअल हरासमैंट मामला : PU की रिसर्च स्कॉलर बोली मेरे खिलाफ अटैंडैंट से दिलवाए गए झूठे बयान

Wednesday, Jun 21, 2017 - 10:07 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : सैक्सुअल हरासमैंट मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी के सोशियोलॅाजी विभाग की रिसर्च स्कॉलर ने आर.टी.आई. के जरिए पी.यू. कैश कमेटी में हुए बयानों का वेरवा हासिल किया है। इसमें जो जानकारी मिली है उसमें गैस्ट हाऊस के राजू नामक अटैंडैंट और उसके बयान को गलत बताया है। 

 

रिसर्च स्कॉलर ने कहा कि गत 7 जनवरी को वह सीमा के साथ मार्कीट गई थी, जबकि गैस्ट हाऊस का अटैंडैंट राजू विटनैस के तौर पर कह रहा है कि सीमा गैस्ट हाऊस से शाम 8 बजे तक बाहर ही नहीं निकली। स्कॉलर ने कहा कि हम साढ़े 7 बजे गैस्ट हाऊस से बाहर निकल चुके थे। आर.टी.आई. में यह भी कहा है कि अगले दिन सीमा 12 बजे ही गैस्ट हाऊस से चैक आऊट कर गई। 

 

स्कॉलर के मुताबिक उस दिन सीमा का पेपर दोपहर साढ़े 12 बजे तक था तो वह 12 बजे तक कैसे चैकआऊट कर सकती है। उसने दोपहर करीब अढ़ाई बजे चैकआऊट किया। स्कॅालर ने कहा कि हमें मालूम नहीं था कि वह वहां था नहीं, क्योंकि 1 से 6 तक जनवरी तक तो राजू के हस्ताक्षर अटैंडैंट रजिस्टर में ठीक हैं, लेकिन 7 तारीख के हस्ताक्षर में कुछ गड़बड़ है। 

 

मुझे शक है कि पी.यू. प्रबंधन झूठा गवाह बनाकर पेश कर रही है,जबकि पी.यू. प्रबंधन ने राजू की विटनैस बनाकर गवाही करवा दी है। पी.यू. की सैक्सुल हरासमैंट कमेटी पी.यू. कर्मचारियों, स्टाफ व स्टूडैंट के लिए है, लेकिन  डी.एस.डब्ल्यू. वूमैन का बेटा पी.यू. का स्टूडैंट ही नहीं है। ऐसे में वी.सी. ने पी.यू. कैश में यह मामला क्यों दिया है। 

 

आर.टी.आई. के तहत मिला चीफ ऑफ सिक्योरिटी का पत्र :
स्कॉलर के मुताबिक दुर्घटना की रात कोरे कागज पर उससे साइन करवाए गए थे। मुझे नहीं पता उस पर क्या लिखा था, हालांकि बाद में हमें यह कहा गया कि मेरी स्कूटी  बारिश के चलते स्लिप हुई है। आर.टी.आई. में पी.यू. चीफ  ऑफ सिक्योरिटी ऑफिसर की ओर से एक लैटर मिला है जिसमें कहा है कि मेरे स्कूटर को मारुति स्फ्विट ने टक्कर मारी है, जबकि वह फोर्ड एंडवेवर गाड़ी चला रहा था। स्कॉलर के मुताबिक लैटर में लिखा है कि मौके पर डी.एस.डब्ल्यू. नीना कपलाश भी मौजूद थीं। लैटर में लिखा है कि स्कॉलर को कुछ चोटें आई थीं व उसे तुरंत पी.जी.आई. भेज दिया था। 

 

स्कॉलर जाएंगी हाईकोर्ट :
पीएच.डी. रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के विरोध में स्कॉलर ने पी.यू. के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने का फैसला किया है। इससे पहले वह डी.एस.डब्ल्यू. वूमैन के बेटे के खिलाफसैक्सुअल हरासमैंट का केस भी हाईकोर्ट में डाल चुकी है। केस की  सुनवाई 17 जुलाई को है। उल्लेखनीय है कि गत 7 जनवरी को रिसर्च स्कॉलर का डी.एस.डब्ल्यू. वूमैन के बेटे की गाड़ी से एक्सीडैंट हो गया था। इसके बाद स्कॅालर ने डी.एस.डब्ल्यू. के बेटे पर सैक्सुअल हरासमैंट के आरोप भी लगाए थे। 

 

पीएच.डी. नहीं की जा सकती रद्द :
रिसर्च स्कॉलर ने कहा कि पी.यू. प्रबंधन का कहना है कि  उसने डी.एस.डब्ल्यू. वूमैन के बेटे पर झूठा सैक्सुअल हरासमैंट का केस डाला है, लेकिन पी.यू. प्रबंधन इस आधार पर मेरी पीएच.डी.  रदद नहीं कर सकता। क्योंकि मेरा पीएच.डी. करना अलग मामला है और  सैक्सुअल हरासमैंट का केस डालना अलग मामला है। 

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