यौन उत्पीडऩ मामला: आई.टी. कंपनी संचालक की जमानत याचिका खारिज

Friday, Jan 05, 2018 - 09:55 AM (IST)

चंडीगढ़ (संदीप): यौन उत्पीडऩ के मामले में जिला अदालत ने आई.टी. पार्क में आई.टी. कंपनी चलाने वाले साहिल की जमानत याचिका खारिज कर दी। इससे पहले निचली अदालत में भी उसकी जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। साहिल के खिलाफ पीड़ित युवती की शिकायत पर बीते दिसम्बर माह में आई.टी. पार्क थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया था। साहिल की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया था कि शिकायतकत्र्ता युवती उसकी ही कंपनी में काम करती थी। दोनों में प्रेम-प्रसंग था और दोनों शादी करने वाले थे, लेकिन उनकी कुंडली नहीं मिली जिस कारण उसके परिजनों ने शादी का विरोध किया। 

 

याचिका के अनुसार इसके बाद युवती ने लगातार उसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद उसने पहले दोस्त की तरह उससे मिलने को कहा। इस पर उसने उससे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसके न मिलने पर वह उसे धमकाने लगी। उसने उससे शादी न करने पर उसे और उसके परिवार को केस में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद उसने 8 दिसंबर को पुलिस में उसके खिलाफ शिकायत देकर उसके खिलाफ केस दर्ज करवा दिया, जोकि पूरी तरह से झूठा और गलत है। अदालत ने याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और पुलिस की ओर से दायर जवाब को सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। 

 

पुलिस कर्मियों से मारपीट मामले में दायर की जमानत याचिका
वहीं दूसरी और पुलिस कर्मियों से मारपीट के मामले में आरोपी साहिल और उसके भाई सौमिल ने जिला अदालत में वीरवार को जमानत याचिका दायर की है। अदालत ने याचिका पर थाना पुलिस को 8 जनवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका में कहा गया है कि दोनों भाईयों के खिलाफ यौन उत्पीडऩ का मामला दर्ज कराने वाली युवती से पुलिसकर्मी मिले हुए थे। 8 दिसंबर, 2017 को दोनों पुलिसकर्मी उसके कार्यालय आए और उसे धमकी दी। साथ ही उन्हें जबरन पुलिस स्टेशन चलने को कहा। हालांकि जब वह थाने जाने के लिए निकले तो पुलिसकर्मियों ने उनसे मामला सुलझाने के लिए एक लाख रुपए मांगे। इस पर उनमें से एक ने यह बातचीत फोन में वीडियो बनाकर रिकार्ड कर ली। 

 

इसका पता चलने पर पुलिस कर्मियों ने उसका फोन छीन लिया और कार को रुकवा लिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सिविल वर्दी में अन्य पुलिसकर्मियों को वहां बुलाकर उनसे फोन छीनने का प्रयास किया। अपना फोन और पुलिसकर्मी के रिश्वत मांगने का सबूत उसमें होने के कारण वह फोन बचा रहे थे। इसी को लेकर सिविल ड्रैस में मौजूद पुलिसकर्मियों से उनकी हाथापाई हो गई। वहीं याचिका में कहा गया है कि आई.टी. पार्क थाने के हैड मुंशी का उनके ऑफिस में आने और उन्हें धमकाने का कोई आधार नहीं बनता। इसके बावजूद वह उनके ऑफिस आया और उन्हें धमकाते हुए अपने साथ ले गए। 


 

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