सैक्सुअल हरासमैंट में दोषी पाए गए डॉ. देविंदर प्रीत ने नौकरी बहाल करने की लगाई गुहार

Tuesday, May 07, 2019 - 01:13 PM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी में इसी महीने होने वाली सिंडीकेट की बैठक में यौन शोषण (सैक्सुअल हरासमैंट) के दोषी पाए जाने पर नौकरी से निकाले गए डॉ. देविंदर प्रीत ने सीनेट-सिंडिकेट से गुहार लगाई है कि वे उसे दी गई सजा पर एक बार फिर से विचार करें। डॉ. देविंदर पर आरोप था कि उसने अश्लील वीडियो और फोटो छात्राओं के भेजे और कुछ छात्राओं से अश्लील हरकतें की। जांच में सारे आरोप सही पाये गए थे और 3 नवंबर 2018 की सीनेट ने उसे मेजर सजा सुनाते हुए उसे बर्खास्त करने का निर्णय लिया था।

 अब प्रो. सिंह ने 12 मार्च को लिखे पत्र में अपने फैसले को फिर से विचारने की गुहार लगाई है। इसे सिंडीकेट की बैठक में 11 मई को होने जा रही सिंडिकेट की बैठक में विचार के लिए लाया जा रहा है। हैरानी की बात है कि जब डॉ. देविंद्र प्रीत सिंह आरोपों से घिरने केबाद नौकरी से निकाले जा चुके हैं। बावजूद डॉ. देविंद्र की गुहार को सिंडीकेट एजैंडे में शामिल कर लिया गया है। बता दें इससे पहले डॉ. कोमल सिंह को भी ऐसे ही आरोपों में पी.यू. से निकाला जा चुका है। बैठक में एन.आर.आई. छात्रों के लिए हर कोर्स में सीट बढ़ाने और उनके लिए नये फीस ढांचे से जुड़े मसले पर भी विचार होगा। 

इसे पहले हुई मीटिंग में डेफर कर दिया गया था। लैब एवं टैक्नीकल स्टाफ के लिए प्रोमोशन पॉलिसी में ढील देने के लिए रूल जांचने संबंधी मिनट्स का मामला भी लाया जा रहा है। बैठक में 18 अप्रैल की वो रिपोर्ट भी पेश होगी, जिसमें ब्वायज व गल्र्स हॉस्टलों में फर्नीचर के लिए स्पैशिफिकेशन दी गई है। इसके लिए लॉ अफसर एस.एस. लांबा की सलाह और कंस्ट्रक्शन ऑफिस के एस.डी.ई. एस.के. शर्मा व जे.ई. हरमनदीप सिंह के इन्क्वायरी अफसर से मिस कंडक्ट की रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा। इसके अलावा एस.डी.पी. कॉलेज फॉर वुमैन लुधियाना के कॉलेज की शिकायत पर भी विचार होगा।

bhavita joshi

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