सैक्सुअल हरासमैंट : घिरे कोमल सिंह को हटाने के लिए 32 सीनेटरों की हां

punjabkesari.in Monday, Apr 02, 2018 - 09:42 AM (IST)

चंडीगढ़(साजन) : लोक प्रशासन विभाग के सहायक प्रोफैसर कोमल सिंह को यौन उत्पीडऩ मामले में दोषी पाए जाने पर दिए गए शो-कॉज नोटिस के जवाब को सीनेट ने खारिज कर दिया और उनकी सेवाएं समाप्त करने के लिए सदन में मतदान तक कराना पड़ा। 

 

सदन में उपस्थित 51 सदस्यों में से 18 ने उन्हें डिमोट करने के पक्ष में वोट दिया जबकि 32 ने उनकी सेवाएं समाप्त करने के पक्ष में मतदान किया। एक वोट इनवैलिड करार दिया गया। कुछ सदस्यों प्रो. आर.पी. बांबा और डा. अजय रंगा ने इसे पारित नहीं माना और कहा कि दो-तिहाई बहुमत से ही कोई निर्णय हो सकता है, वी.सी. ने लीगल राय लेने की बात कह मीटिंग को स्थगित कर दिया।

 

सीट से उठ वैल में पहुंच गए अजय रंगा :
पी.यू. सीनेट की बैठक शुरूआत के हंगामे के बाद आगे तो चली लेकिन इसके बाद पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के असिस्टैंट प्रोफैसर कोमल सिंह से संबंधित यौन उत्पीडऩ मामले पर जाकर फिर अटक गई। सीनेट में इतना जबरदस्त गतिरोध बना कि वी.सी. मीटिंग से कई बार उठकर बाहर निकले। 

 

एक समय तो तनाव इतना बढ़ गया कि सीनेट सदस्य अजय रंगा और दूसरे सीनेट सदस्य (भाजपा नेता) सुभाष शर्मा के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। अजय रंगा फिल्मी अंदाज में अपनी सीट से उठकर वी.सी. की चेयर के ठीक सामने पहुंच गए और सदस्यों को ही सीधे संबोधित करने लगे। उन्होंने कोमल सिंह के खिलाफ दी गई रिपोर्ट को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कहा कि मैं इस रिपोर्ट को चैलेंज करता हूं। 

 

मामले में और देरी न की जाए :
सुभाष शर्मा, गुरजोत मल्ही, वी.के. सिब्बल ने कहा कि इस मामले में और देरी न की जाए और छात्राओं में विश्वास बहाली के लिए डा. कोमल सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं। उनकी राय थी कि उन्हें दोषी पाया गया है और वह नरमी बरते जाने के हकदार नहीं हैं। 

 

चमन लाल ने बीच-बचाव करते हुए कहा कि कुछ बच्चों ने अपनी शिकायत वापस ले ली है, इसलिए उनके जवाब पर विचार करना चाहिए। इस दौरान ज्यादातर समय वी.सी. बाहर ही रहे और एक-दो बार बहस होते देख दरवाजे से ही वापस चले गए। बाद में आए तो हंगामा बढ़ता देख उन्होंने लंच की घोषणा कर दी। दोपहर बाद फिर इस पर बहस हुई।

 

वी.सी. आए, हंगामा देख दरवाजे से ही लौट गए :
अजय रंगा ने वी.सी. की चेयर के ठीक सामने कागज लहराते हुए कहा कि शिकायतकर्ता छात्रा अपने पिता के साथ पंचकूला में रहती है और गवाह बने तीन छात्र हॉस्टलर हैं, जिन्होंने शिकायत वापस ले ली है। उन्होंने विरोध करने वाले कई सदस्यों से पूछा कि क्या उन्होंने शिकायत पढ़ी है? बिना शिकायत पढ़े कोई निर्णय कैसे ले रहे हैं?

 

दोगला रवैया अपनाने का आरोप :
उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा कि यौन शोषण के मामलों में दोगला रवैया अपनाया जा रहा है। किसी के खिलाफ तो नौकरी से डिसमिस करने जैसी सख्त कार्रवाई की जा रही है और किसी के खिलाफ बीते अढ़ाई साल में अभी जांच तक शुरू नहीं हुई है। 

 

सुभाष शर्मा ने कहा कि कोमल सिंह आदतन गर्ल्स स्टूडैंट्स के साथ गलत हरकतें करते रहे, लिहाजा उन्हें छोडऩे का कोई कारण नहीं बनता। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। रंगा इसके बाद ही भड़के थे। उन्होंने कहा कि हम कोमल सिंह का बचाव नहीं कर रहे।


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