जूनियर कर्मचारियों को दे दिए सीनियर्स के मकान

Saturday, Jan 12, 2019 - 10:59 AM (IST)

चंडीगढ़ (रश्मि): पंजाब यूनिवर्सिटी में लोअर कैटागरी के  कर्मचारी को पी.यू. अधिकारियों की मिलीभगत से हाई कैटेगरी के घर अलॉट करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। कैंपस में कई बार घरों को सिन्योरिटीवाइज भी अलॉट नहीं किया जाता है। भाई-भतीजा वाद और मिलीभगत की रणनीति से ऐसा हो जाता है। इस तरह से नियमों को तोड़ अलॉट होने पर दूसरे कर्मचारी इसकी शिकायत भी नहीं करते हैं। कुछ कर्र्मचारियों का कहना है कि जब उच्चाधिकारी ही इसमें मिले हुए हैं तो कार्रवाई होगी ही नहीं। ऐसे में शिकायत करके वह अपने साथी कर्मचारी और अधिकारियों से झगड़ा मोल नहीं लेना चाहते  हैं। एक क्लर्क कर्मचारी को डी-45 घर अलॉट हुआ है। क्लर्क  सी-क्लास कर्मचारीका एक हिस्सा है। लेकिन कर्मचारी को हाई कैटागरी का घर दिया गया है। 

मतलब यह घर किसी हाई कैटागरी के अधिकारी को अलॉट होना चाहिए था। वहीं पी.यू. में स्थित ए-टाईप के घर सी-क्लास कर्मचारियों को ही मिलते हैं। लेकिन यह घर सिन्योरिटीवाइज अलॉट नहीं किए गए हैं। पहले सत्र-2017 में वी.सी. ऑफिस में कार्यरत एक सीनियर असिस्टैंट को सी-ब्लॉक  में घर अलॉट हुआ था, जबकि सी-ब्लॉक  में सीनियर कैटागरी के  अधिकारियों को घर अलॉट हुआ था। यह घर उस कर्मचारी ने अपने परिवार के एक सदस्य के  बीमार होने की बात रखकर ग्राऊंड फ्लोर का घर मिलने की मांग की थी।

 इससे पहले भी पी.यू. में घर अलॉटमैंट करने मे कई बार कोताही बरती गई है। उच्च अधिकारियों की मिली भगत से सी-क्लास कर्मचारी भी सीनियर कैटेगरी के घर को प्राप्त कर लेते हैं। कर्मचारियों को दूसरे कैटागरी के घर वी.सी. की ओर से कैंपेशिनेट ग्राऊंड पर अलॉट किए जा सकते हैं। वह भी जब मैडिकल बोर्ड द्वारा उस कर्मचारी को पेश आ रही दिक्क त क्लीयर कर दिए जाए। वैसे घरों के आलॅटमैंट के लिए एक  हाऊसअलॉटमैंट कमेटी बनी हुई है।  रजिस्ट्ररार प्रो. कर्मजीत सिंह ने कहा कि  मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच की जाएगी।

bhavita joshi

Advertising