अब सुखना सैंक्चुरी के ट्रैक्स पर घूम सकेंगे हैंडीकैप और सीनियर सिटीजंस

punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2016 - 08:32 AM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़): वन्य प्रेमियों को सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में पर्यावरण के नजदीक रहने के लिए अब पैदल पसीना बहाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जल्द ही सैंक्चुरी के नेपली और कांसल फॉरैस्ट में ट्रैकिंग करने के लिए बैटरी ऑप्रेटिड व्हीकल्स चलने शुरू हो जाएंगे। 

 

इसकी मदद से लोग सुखना वाइल्ड सैंक्चुरी के हरेक टै्रक में अब घूम पाएंगे। रविवार को जब चंडीगढ़ के नए प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर सैंक्चुरी में पहुंचे तो यहां के प्राकृतिक नजारों से काफी प्रभावित हुए। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दे दिए कि सैंक्चुरी में विजिटर्स की संख्या को बढ़ाने के सारे प्रयास किए जाएं। 

 

यही नहीं बदनौर ने कहा कि सैंक्चुरी में बैटरी ऑप्रेटिड व्हीकल्स चलाए जाएं। इससे एक तरफ प्रकृति को नुक्सान नहीं पहुंचेगा और दूसरी तरफ टूरिज्म को भी प्रोमोट किया जा सकेगा। इसके साथ ही हैंडीकैप और सीनियर सिटीजंस भी सैंक्चुरी में घूम सकेंगे। 

 

प्रशासक के निर्देशों के बाद अब फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने आगे की प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके तहत जल्द ही यहां बैटरी से चलने वाले व्हीकल्स दिखाई देंगे।


डैम और ट्रैक्स की मांगी जानकारी

प्रशासक जब कांसल फॉरेस्ट पहुंचे तो वह केवल लॉग हट तक ही सीमित नहीं रहे। एडवाइजर परिमल राय, प्रिंसीपल सैक्रेटरी टू गवर्नर एम.पी. सिंह, एडवाइजर परिमल राय, गृह सचिव अनुराग अग्रवाल और चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट संतोष कुमार के साथ वह ट्रैकिंग के लिए भी निकल पड़े। 

 

इस दौरान उन्होंने सैंक्चुरी के ट्रैक और यहां बने डैम की भी इंस्पैक्शन की। उन्हें फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट द्वारा की जा रही गतिविधियों की भी जानकारी दी गई। डिपार्टमैंट द्वारा कैचमैंट एरिया में किए जा रहे सॉयल और मायश्चर कंजर्वेशन वर्क से प्रशासक काफी प्रभावित हुए। 

 

रैगुलर होनी चाहिए ट्रैकिंग 

सुखना के ट्रैकिंग एरिया से बदौनर इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने निर्देश दिए कि ट्रैकिंग एक्टिविटी को रैगुलर किया जाए। इससे कि अधिक से अधिक लोगों तक सैंक्चुरी की जानकारी पहुंचे। 

 

उन्होंने कहा कि फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन उनके की एरिया में शामिल हैं क्योंकि शहर का ग्रीन कवर एरिया बढ़ाने में सैंक्चुरी काफी मददगार साबित होती है। इसलिए इसके संरक्षण के लिए भी सभी उचित कदम उठाए जाएंगे।


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