पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में 4 अधिकारी-कर्मचारी बर्खास्त

punjabkesari.in Friday, Feb 17, 2023 - 08:08 PM (IST)

चंडीगढ़, (रमनजीत): पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के अंतर्गत फरवरी 2019 में केंद्र की तरफ से राज्य सरकार को जारी किए गए 303.92 करोड़ रुपए के वितरण और खर्च में गड़बड़ी के मामले में सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से चार्जशीट किए गए अपने 4 अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया कि कुल 6 अधिकारियों के विरुद्ध इस मामले में आरोप पत्र जारी किया गया था, जिनमें से विभाग के 4 अधिकारियों और कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है और वित्त विभाग से संबंधित 2 अधिकारियों संबंधी फैसला लेने के लिए केस वित्त विभाग को भेज दिया है।

 


उन्होंने बताया कि विभागीय जांच के दौरान पता लगा था कि भारत सरकार से प्राप्त हुए 303.92 करोड़ रुपए में से 55.97 करोड़ रुपए के हिसाब-किताब में गड़बड़ी है। इसकी जांच करने पर यह भी पता लगा कि इसमें से 16 करोड़ रुपए के लगभग उन शैक्षिक संस्थाओं को जारी किए गए जिनकी तरफ से पहले से ही गड़बड़ी की गई थी, जबकि 39 करोड़ रुपए लगभग बेनामी कालेजों को दिए गए। डा. बलजीत कौर ने बताया कि विभागीय जांच के लिए बी.आर. बंसल अतिरिक्त सैशन जज (रिटायर्ड) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जांच अधिकारी ने इस मामले संबंधी पड़ताल करने के उपरांत 13-6-2022 को रिपोर्ट पेश की, जिसमें चार्जशीट किए गए 6 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया।

 

 


बर्खास्त किए गए अधिकारियों में डिप्टी डायरैक्टर परमिंद्र सिंह गिल, सुपरिंटैंडैंट (रिटायर्ड) राजिंद्र चौपड़ा, सीनियर सहायक राकेश अरोड़ा और बलदेव सिंह शामिल हैं। इसके अलावा वित्त विभाग से संबंधित डी.सी.एफ.ए. (रिटायर्ड) चरनजीत सिंह और सैक्शन अफसर मुकेश भाटिया संबंधी फैसला लेने के लिए केस वित्त विभाग को भेजा है। डा. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार जहां भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है, वहीं अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लोगों और खासकर विद्याॢथयों की भलाई के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से दोषी मुलाजिमों को बर्खास्त करने का फैसला विभागीय समीक्षा के आधार पर किया गया है, जबकि इस मामले में शामिल और व्यक्तियों को सलाखों के पीछे डालने के लिए विजीलैंस विभाग प्रयत्नशील है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Ajay Chandigarh

Recommended News

Related News