सैक्टर-53 हाऊसिंग स्कीम सिरे चढ़ेगी या नहीं, आज होगा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Mar 19, 2020 - 09:33 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की सैक्टर-53 हाऊसिंग स्कीम सिरे चढ़ेगी या नहीं, इस पर वीरवार को होने वाली बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की मीटिंग में अहम फैसला होगा। फ्लैट्स के रेट्स कम करने के लिए बोर्ड मीटिंग में अहम फैसला ले सकता है लेकिन उसके लिए पूरा प्लान नए सिरे से तैयार करना होगा। स्कीम के तहत बोर्ड ने यहां 492 फ्लैट्स बनाने की योजना बनाई थी लेकिन लोगों का रिस्पांस जानने के लिए करवाए गए डिमांड सर्वे में 178 लोगों ने आवेदन किया है। 

 

एरिया बढ़ाने की मांग करेंगे
इस संबंध में बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि स्कीम को लेकर वीरवार को होने वाली मीटिंग में ही फैसला होगा लेकिन फिलहाल ये स्कीम सिरे चढ़ती दिखाई नहीं दे रही है। वह मीटिंग में इसका एरिया बढ़ाने की मांग करेंगे, तांकि यहां ज्यादा फ्लैट्स बनने से इनके रेट कम हो सकें लेकिन इस संबंधित फाइनल फैसला तो बोर्ड ने ही लेना है। 

 

बोर्ड को डिमांड सर्वे में भी कुछ खास रिस्पांस नहीं मिला। फ्लैट्स महंगे होने के चलते ही ये सर्वे करवाने का फैसला लिया गया था कि लोग ये फ्लैट्स लेने के लिए तैयार हैं या नहीं। हाल ही में बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की मीटिंग में इन फ्लैट्स के रेट और कम किए गए थे। 

 

ये रखी गई कीमत  
सैक्टर-53 की हाऊसिंग स्कीम में ई.डब्ल्यू.एस. के 80, वन रूम के 120, टू  बैडरूम के 100 और थ्री बेडरूम के 192 फ्लैट्स तैयार करन का फैसला लिया था। एच.आई.जी. फ्लैट्स की कीमत करीब 1 करोड़ 50 लाख, टू बैडरूम फ्लैट्स की कीमत करीब 1 करोड़ 28 लाख, वन बैडरूम फ्लैट्स की कीमत करीब 86 लाख रुपए और ई.डब्ल्यू.एस. फ्लैट्स की कीमत 50 लाख रुपए के करीब होगी। 

 

प्रॉफिट हटाने के बाद ही ये  राशि तय की गई है, जबकि इससे पहले फ्लैट्स की कीमत अधिक थी। बोर्ड शहर में अब तक लगभग 60 हजार फ्लैट्स बना चुका है। सी.एच.बी. की योजना है कि  इस बार टू लेवल बेसमेंट पार्किंग का निर्माण टू और थ्री बैडरूम फ्लैट्स के लिए किया जाएगा, वहीं वन बैडरूम फ्लैट्स के लिए वन लैवल बेसमैंट पार्किंग का निर्माण करवाया जाएगा। 

 

प्रोसैसिंग फीस हो सकती है तय 
मीटिंग में नीड बेस्ड चेंज के लिए प्रोसैसिंग फीस तय करने का भी प्रस्ताव लाया जाएगा। इससे पहले बोर्ड ने आदेश जारी किए थे कि वह नीड बेस्ड चेंज के लिए पूरी फीस बाद में लेंगे, जबकि पहले प्रोसैसिंग फीस ही लेंगे। यही कारण है कि अब इस संबंध में बोर्ड प्रोसैसिंग फीस तय करने जा रहा है।  
 


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pooja verma

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