सैक्टर-48 अस्पताल में कम वायरल लोड वाले हो सकेंगे भर्ती

punjabkesari.in Monday, May 11, 2020 - 03:51 PM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : जी.एम.सी.एच.-32 का सैक्टर-48 स्थित कोविड अस्पताल कोरोना संक्रमित वैरी सिक पेशैंट्स के लिए फिलहाल फिट नहीं है। कोविड अस्पताल में सिर्फ कम वायरल लोड वाले कोरोना पेशैंट्स ही रखे जा सकते हैं। 

कोरोना संक्रमित पेशैंट्स की एडमिशन की तैयारियों को जानने के लिए अस्पताल के डॉक्टर्स की एक टीम ने जब शनिवार को कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया तो पाया कि अस्पताल में पेशैंट्स को ऑक्सीजन सप्लाई करने की फिलहाल व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में बायोमैडिकल वेस्ट ठिकाने लगाने के प्रबंध भी मौजूद नहीं हैं।

दो-तीन दिन में सूद धर्मशाला में रख सकेंगे :
पी.जी.आई. में कोरोना संक्रमित पेशैंट्स से 50 फीसदी पेशैंट्स बैड भरने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने जी.एम.सी.एच.-32 को पेशैंट्स को कोविड अस्पताल में रखने के लिए कहा था लेकिन प्रबंधन का कहना था कि 80 फीसदी रेजिडैंट डॉक्टर्स क्वॉरनटाइन हैं, ऐसे में पेशैंट्स को रखने में दिक्कत आ सकती है। 

उसके बाद पेशैंट्स को धनवंतरी अस्पताल में एडमिट किया गया। सूत्रों की मानें तो अब पेशैंट्स के लिए सूद धर्मशाला को तैयार किया जा रहा है। धर्मशाला में जी.एम.सी.एच.-32 के डॉक्टर्स  की निगरानी में पेशैंट्स रखे जाएंगे। यहां भी सिर्फ कम वायरल लोड वाले पेशैंट्स का ही इलाज हो सकेगा। 

जी.एम.सी.एच.-32 के एक डॉक्टर ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर कहा कि सैक्टर-48 अस्पताल को पेशैंट्स के लिए तैयार किया जा रहा है, तभी इतने सारे इवीपमैंट्स की खरीददारी की गई है। उससे पहले पेशैंट्स को सूद धर्मशाला में रखा जाएगा। वहां कम वायरल लोड वाले पेशैंट्स ही रखे जाएंगे। अस्पताल के ही डॉक्टर्स पेशैंट्स का इलाज करेंगे। सैक्टर-48 कोविड अस्पताल को तैयार होने में लगेगा 10 दिनों का समय।

6 वैंटीलेटर खरीदे, 4 पहले से हैं :
सैक्टर-48 अस्पताल में पेशैंट्स के सैंपल लेने के लिए लैबोरेटरी इत्यादि की सुविधा भी नहीं है। सूत्र कहते हैं कि अस्पताल में मॉनीटर्स और वैंटीलेटर्स के अभाव को दूर करने के लिए हालांकि छह वैंटीलेटर्स और कई मॉनीटर्स की खरीददारी कर ली गई है। चार वैंटीलेटर्स पहले से हैं। एक करोड़ के करीब के खर्च से प्रबंधन ने बहुत से इविपमैंट्स, पी.पी.ई. किट्स की खरीदारी कर ली है।

नहीं दे सकते जानकारी, लेनी होगी परमिशन :
कोविड नोडल ऑफिसर डॉ. हरीश दासारी का कहना है कि वह किसी तरह की जानकारी नहीं दे सकते हैं। उन्हें कुछ भी बोलने से पहले डायरैक्टर प्रिंसीपल की मंजूरी लेनी होगी। डॉ. जी.के. धामी इस बारे में बता सकते हैं, वह सैक्टर-48 अस्पताल के नोडल अधिकारी हैं। वहीं, प्रो. जी.के. धामी का कहना है कि वह कोविड के नोडल अधिकारी नहीं हैं। सैक्टर-48 अस्पताल में पहले नोडल ऑफिसर थे। अब नहीं है। अस्पताल के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते।


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Priyanka rana

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