सैक्टर-16 अस्पताल में 7 बैड के CCU में नहीं एक भी वैंटीलेटर

Wednesday, May 30, 2018 - 10:04 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): दिल के रोगियों के लिए अस्पताल में अलग से कॉर्डियक केयर यूनिट (सी.सी.यू.) बनाया जाता है। इसमें हार्ट अटैक,चैस्ट पैन, ओपन हार्ट सर्जरी और दिल से जुड़े रोगी दाखिल किए जाते हैं ताकि उनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा सके। इस विभाग में वैंटीलेटर प्राथमिक उपकरण है जिससे मरीजों को आर्टीफिशयल ऑक्सीजन दी जाती है। 

 

जी.एम.एस.एच.-16 की बात करें तो यहां पर इतना सैंसेटिव विभाग बिना वैंटीलेटर ही चल रहा है। ग्राऊंड फ्लोर पर पहले कमरा नंबर-106 में सी.सी.यू. रूम बनाया गया है जहां मरीज एडमिट तो किए जाते हैं पर उनकी हालत बिगड़ते ही उन्हें रैफर कर दिया जाता है। यहीं नहीं अस्पताल के पीडिएट्रिक विभाग में भी एक ही वैंटीलेटर की व्यवस्था है। 

 

मरीजों की जान से खिलवाड़
सूत्रों की मानें तो मरीज को यहां एडमिट तो कर लिया जाता है लेकिन जब किसी भी वक्त वैंटीलेटर की जरूरत पड़ती है तो उन्हें पी.जी.आई. और जी.एम.सी.एच.-32 रैफर किया जाता है। हालांकि ये दोनों ही अस्पताल पहले से ही वैंटीलेटर की कमी से जूझ रहे हैं। 

 

800 बैड के जी.एम.एस.एच.-32 मे करीब 40 वैंटीलेटर हैं जबकि पी.जी.आई. में 131 बैड के एडवांस ट्रॉमा सैंटर में 12 व 110 बैड की व्यवस्था वाले एमरजैंसी में 46 वैंटिलेटर हैं। 7 बैड के सी.सी.यू. से हर दूसरे या तीसरे दिन 2 या 3 मरीज रैफर किए जाते हैं। दोनों में वैंटीलेटर की व्यवस्था करने में काफी दिन लग जाते हैं।

Punjab Kesari

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