डाक्टर्स को ट्रेंड कर रहा PGI का स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ

Wednesday, Dec 06, 2017 - 09:05 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : पंजाब में बढ़ते हैपेटाइटिस सी और बी के मामलों को देखते हुए पिछले वर्ष इसकी रोकथाम के लिए एक बड़ा कदम उठाया था, जिसके तहत मरीजों को फ्री दवाइयां उपलब्ध की जा रही हैं। पी.जी.आई. स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के प्रो. अरुण कुमार अग्रवाल की मानें तो दूसरे राज्यों में भी इसके मरीज हैं, लेकिन पंजाब में इन मरीजों की तादाद काफी ज्यादा है जिसे देखते हुए डब्लयू.एच.ओ. ने पंजाब को रोकथाम के लिए चुना है। इंजैक्शन सेफ्टी प्रोजैक्ट लॉन्च किया है, जिसके तहत डाक्टर्स, ए.एन.एस. को इंजैक्शन सेफ्टी के बारें में ट्रेंड किया जा रहा है। 

 

प्रोग्राम हैड प्रो. अग्रवाल ने बताया कि पंजाब के सभी राज्यों में यह प्रोग्राम चलाया जाएगा लेकिन फिलहाल इसकी शुरूआत मालेरकोटला से की गई है। तीन महीने से इस प्रोग्राम के लांच को लेकर स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ प्रयास कर रहा था। मालेरकोटला से आए मैडीकल ऑफिसर, ए.एन.एम.एस, स्टाफ नर्स, फॉर्मासिस्ट को स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के डाक्टर्स ने सैफ इंजैक्शन के बारे में ट्रेंड किया है। इंजैक्शन को सही से डिस्पोज करना और सही तरीके से लागने के साथ ही बिना जरूरत के इस्तेमाल को लेकर उनके ट्रैंड किया गया। प्रोजैक्ट डायरैक्टर ने बताया कि प्रोग्राम के तहत सभी हॉस्पिटल्स व हैल्थ सैंटर्स में मॉडल इंजैक्शन सैंटर खोले जाने की भी व्यवस्था है। 

 

मुफ्त दवाई दी जा रही है :
पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य है जहां हैपेटाइटिस सी के मरीजों को मुफ्त दवाई दी जा रही है। पंजाब के 25 सैंटर्स में यह दवा उपलब्ध करवाई जा रही है। पंजाब में हैपेटाइटिस से निपटने के लिए डाक्टरों को पी.जी.आई ही ट्रेंड कर रहा है। इसके लिए बकायदा पी.जी.आई के एक्सपर्ट्स उन्हें ट्रेनिंग दे रहें हैं। अभी तक 18 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा रहा है जिसमें से 10 हाजर मरीजों का इलाज अभी तक किया जा चुका है। 

 

डाक्टर्स की माने तो नशाखोर, थेरेपी के कारण कई इंजैक्शन लेने वाले लोग, इंसुलिन इंजैक्शन की सुई साझा करना, टैटू या पियर्सिंग, असुरक्षित ब्लेड का इस्तेमाल करना, असुरक्षित यौन संबंध, बिना जांच के खून चढ़ाना या सुरक्षित ढंग से सर्जरी नहीं करने की वजह हैपेटाइटिस का कारण ज्यादा बन रहा है। 

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