करोड़ो की जमीन घोटाले में अफसरों के साथ सरपंच भी शामिल

Tuesday, Mar 20, 2018 - 01:35 PM (IST)

मोहाली (विनोद): ग्राम पंचायत झयूरेहड़ी द्वारा अलग-अलग स्थानों पर 25 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने के नाम पर करोड़ों की शामलात जमीन बेचने के मामले में फरार चल रहे एडवोकेट मोहम्मद सुहेल चौहान द्वारा हाईकोर्ट में एंटीस्पेट्री बेल लगाई हुई थी। 

 

जिसे हाईकोर्ट द्वारा कैंसल कर दिया। वहीं एडवोकेट के मामा सुरिंदर सिंह उर्फ सुरिंदर खान ने भी हाईकोर्ट में एंटीस्पेट्री बेल लगाई हुई है जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट में बुधवार को होगी। वहीं विजीलैंस की जांच में और भी कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। 

 

15 परसैंट पर बिकवा दी 15 करोड़ में शामलात जमीन
विजीलैंस द्वारा की जांच में सामने आया कि सुरिंदर खान एक प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है उसका भांजा मोहम्मद सुहेल चौहान एडवोकेट है वह पंचायत विभाग के केस डील करता था। जिसके चलते दोनों ने मिलकर झयूरेहड़ी के संरपच गुरपाल सिंह से शामलात जमीन के बारे में बात की। जिसके बाद गुरपाल ने कहा कि वह उनकी ओर से सिंतबर 2015 से जनवरी 2016 में शामलात जमीन को बेचने संबंधी एक प्रस्ताव डाला गया था जिस पर रोक लगा दी  थी। 

 

इस पर सुरिंदर व सुहेल ने गुरपाल से कहा कि वह सिर्फ सभी के साइन करवाकर प्रस्ताव  डालें आगे उसका काम है वह पास करवा देगा। उसकी मंत्री से लेकर डायरैक्टर तक जान पहचान है। वह शामलात जमीन बेचने का 15 परसैंट लेेंगे। जिसके बाद सरंपच से प्रस्ताव डाल दिया और दोनों ने उसका प्रस्ताव पास करवा दिया। 

 

और अगले 15 दिनों में अंदर झयूरेहड़ी की शामलात जमीन 15 करोड़ में बिकवा दी। शामलात बिकवाने से पहले दोनों ने संरपच का खाता अलग से बैंक में खुलवाया था, जिसके 15 करोड़ की रकम पहुंच गई और सुरिदंर व सुहेल ने अपने रुपए ले लिए। 

 

आरोपी का बेटा भी निकाला लॉ-अफसर की पोस्ट से 
 विजीलैंस ने बताया कि आरोपी सुरिंदर खान का बेटा मोती मल्क जो ग्रामीण विकास विभाग में मई 2016 में लॉ-अफसर लगा था। जिसका कामकाज देखने के बाद उसके काम में काफी खामियां पाई गई और जिसकी रिपोर्ट सीनियर अफसरों के पास गई। 

 

जिस पर डिपार्टमैंट के सीनियर अफसरों ने एक्शन लेते हुए मोती मल्क को निकाल दिया। वहीं विजीलैंस के मुताबिक उनके द्वारा इस पहलू की भी जांच की जा रही है कि इसकी नियुक्ति कैसे हुई थी और किसने की थी। 

Punjab Kesari

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