सरस्वती नदी का होगा जीर्णोधार

Tuesday, Feb 08, 2022 - 06:12 PM (IST)

चंडीगढ़,(अर्चना सेठी):हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार के बीच सरस्वती नदी जीर्णोद्धार एवं विरासत विकास परियोजना के तहत  388.16 करोड़ रुपए से आदि बद्री बांध के निर्माण के लिए 21 जनवरी, 2022 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की। आदि बद्री बांध, सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय के निर्माण से 1675 हेक्टेयर मीटर जल का भंडारण होगा, जिससे सरस्वती नदी में 19 क्यूसेक पानी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

 


सरस्वती नदी को सबसे पवित्र नदियों में से एक माना गया है और यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। दुनिया के सबसे पुराने ग्रंथ अर्थात् ऋग्वेद में सबसे अधिक बार सरस्वती नदी का उल्लेख मिलता है। विश्व की प्राचीनतम सभ्यता सरस्वती नदी के तट पर ही फली-फूली हैं। सरस्वती नदी की उत्पत्ति, अस्तित्व और इसका लुप्त होना वैज्ञानिकों, इतिहासकारों, भू-गर्भ जलशास्त्रियों और पुरातत्वविदों के लिए जिज्ञासा और प्रेरणा का स्रोत रहा है।

 


सरस्वती नदी पर कई तरह के शोध पत्र और साहित्य उपलब्ध हैं, जिनसे यह साबित हो गया है कि सरस्वती नदी पौराणिक कथाओं की नदी नहीं थी, बल्कि एक वास्तविक नदी थी, जो जमीन पर मौजूद थी और हिमालय से निकली थी तथा कच्छ के रण तक जाती थी। यह कई राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पाकिस्तान के कुछ हिस्सों से होते हुए गुजरात के कच्छ के रण तक जाती थी।

Ajay Chandigarh

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