पी.जी.आई. में अब खुद लैब पहुंचेगा सैंपल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2019 - 12:12 PM (IST)

चंडीगढ़ (रवि) : पी.जी.आई. न्यू-मैटिकल सैंपल क्लैक्टर सिस्टम शुरू करने वाला है।  इसे पी.जी.आई. एडवांस पैडिएट्रिक सैंटर में लगाया जा रहा है। कोर टैक्निकल कमेटी (सी.टी.सी.) के पहले प्रोसैस से यह निकल चुका है जबकि दो प्रोसैस अभी बाकी हैं, जिसके बाद प्रोजैक्ट को लेकर टैंडर कॉल किया जाएगा। ए.पी.सी. डिपार्टमैंट इस प्रौजैक्ट को लेकर काफी वक्त से काम कर रहा है।

 

रोजाना हजारों की तादाद में सैंपल टैस्ट किए जाते हैं। मरीजों के लिए टैस्ट करवाना तो आसान है लेकिन सैंपल को लैब तक देने जाना जरूर मुश्किल हो जाता है। एक ही डिपार्टमैंट में कई-जगहों पर सैंपल क्लैक्ट किए जाते है, जो मैन्युली टैक्निशयन तक पहुंचते हैं।


 

पहले ए.पी.सी. में लगाया जाएगा
न्यू-मैटिकल सैंपल क्लैक्टर सिस्टम पर 2 करोड़ रुपए की लागत आएगी। डायरैक्टर जगत राम के मुताबिक फिलहाल इस सिस्टम को ए.पी.सी. में लगाया जाएगा। इसके बाद दूसरे डिपार्टमैंट्स में भी इसे शुरू करने की योजना है। सैंपल को लैब तक पहुंचाना मरीजों के लिए हमेशा मुश्किल होता है। ऐसे में उन्हें एक बड़ी राहत मिलेगी।

 

लिफ्ट की तरह काम करेगा
न्यू-मैटिकल सैंपल क्लैक्टर सिस्टम एक लिफ्ट की तरह काम करेगा। जिसमें मरीज से सैंपल लेकर रख दिए जाएंगे। सैंपल अपने आप लैब तक पहुंच जाएगा। ऐसे में मरीजों को सैंपल लैब तक देने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

 

सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए इसका कंट्रोल रुम 6 मंजिला ए.पी.सी. के बेसमैंट एरिया में बनाया जाएगा। किसी भी गवर्नंमैंट अस्पताल में सैंपल क्लैक्ट करने के लिए इस तरह की सुविधा नहीं है। पी.जी.आई. पहला अस्पताल होगा जहां यह सिस्टम शुरू होगा। 

 

रोजाना होते 350 से 400 टैस्ट
ए.पी.सी. में रोजाना सैंपल्स का नंबर 350 से 400 के करीब रहता है, जिसमें क्लैक्शन का वक्त सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक होता है। हालांकि की दफा इसका आंकड़ा बढ़ भी जाता है। 

 

वहीं एमरजैंसी सैंपल्स की बात करें तो इसका नंबर 50 तक रहता है। सैंपल क्लैक्ट करने के लिए ए.पी.सी. में क्लैक्शन स्टाफ भी है। सिस्टम शुरू होने से सैंपल को सिर्फ बॉक्स तक रखने की जिम्मेदारी रहेगी। ऐसे में उनकी भागदौड़ नहीं होगी। मरीजों और स्टाफ को राहत मिलेगी।


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pooja verma

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