बाजवा ने मुक्तसर के वकील से मारपीट मामले में सी.बी.आई. जांच की मांग की
punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2023 - 07:50 PM (IST)

चंडीगढ़,(हरिश्चंद्र): पुलिस बर्बरता पर गंभीर ङ्क्षचता जताते हुए विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को मुक्तसर वकील पर पुलिस द्वारा हमले की सी.बी.आई. जांच की मांग की।उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जिनके पास गृह विभाग भी है, वह पंजाब में पुलिस क्रूरता पर लगाम लगानी चाहिए। वह एस.पी. (डी) रमनदीप सिंह भुल्लर सहित आरोपी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार और उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं करते।
मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए बाजवा ने कहा कि मुक्तसर के एक वकील को पुलिस हिरासत में बेरहमी से प्रताडि़त किया गया। कुछ समाचार पोर्टलों ने आरोप लगाया कि मुक्तसर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने वकील का यौन उत्पीडऩ किया। बाजवा ने कहा कि कुंवर विजय प्रताप सिंह, हरजोत सिंह बैंस, हरपाल सिंह चीमा, करमवीर सिंह घुम्मन और कई अन्य सहित कई विधायकों और मंत्रियों ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले कानून का अध्ययन और अभ्यास किया था। उनमें से किसी ने भी अपने पेशे के एक सदस्य पर इस तरह की पुलिस बर्बरता के खिलाफ आवाज नहीं उठाई है।
उन्होंने कहा पुलिस ने निर्दोष लोगों के खिलाफ अत्याचार किया है। जालंधर के एस.एच.ओ. नवदीप सिंह द्वारा कथित तौर पर अपमानित किए जाने के बाद कपूरथला के दो भाइयों ने आत्महत्या कर ली। सरकार दोषियों को अभी तक न्याय के दायरे में नहीं लाई। कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे पहले प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर पुलिस लाठीचार्ज किया गया था। वर्दी पहने पुरुषों ने महिला शिक्षकों के साथ हाथापाई की। बाजवा ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री लोगों के प्रति इस तरह का सम्मान रखते हैं?
उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर निर्दोष लोगों पर ज्यादती करने के लिए पंजाब पुलिस को खुली छूट देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे बुजुर्ग किसानों को भी अपनी क्रूरता से नहीं बख्शा। संगरूर जिले के 70 वर्षीय प्रीतम सिंह ने हाल ही में पुलिस की ज्यादती के कारण दम तोड़ दिया, जब किसान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ जा रहे थे।
बाजवा ने कहा कि पुलिस कानून के दायरे में अपने कत्र्तव्यों का पालन करने में बुरी तरह विफल रही है। हाल ही में मोगा में एक कांग्रेस कार्यकत्र्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। हालांकि, पुलिस अपराधियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने में विफल रही है।