जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ का मामला: अग्रिम जमानत याचिका पर 13 और चार्जशीट पर सुनवाई 16 को

punjabkesari.in Thursday, Sep 07, 2023 - 08:29 PM (IST)

चंडीगढ़,(सुशील राज):जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ के मामले में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर 13 सितंबर को सुनवाई होनी है। वहीं, जिला अदालत में 16 सितम्बर को चार्जशीट पर सुनवाई होगी। एस.आई.टी. अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करेगी, जिसके लिए कई प्वाइंट्स पर जवाब बना रही है। 13 सितम्बर से पहले एस.आई.टी. मामले में जिला अदालत में जवाब दायर कर रही है।

 

 


वहीं, महिला कोच के वकील मामले में रेप की कोशिश की धारा जोडऩे को लेकर बहस करेंगे। अब चार्जशीट पर बहस के बाद मंत्री संदीप पर आरोप तय किए जाएंगे। मंत्री संदीप की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होती है तो गिरफ्तारी की तलवार लटक जाएगी। मामले में 354 और 354-बी गैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं। सूत्रों की मानें तो चार्जशीट के तहत मंत्री संदीप को अग्रिम जमानत मिलनी मुश्किल लग रही है।

 

 


चार्जशीट के अनुसार, मंत्री ने पुलिस को बताया था कि जूनियर महिला कोच के साथ कोई पर्सनल रिलेशन नहीं थे। वहीं, जांच में ये बात साबित हुई है कि उनके बीच रिश्ते प्रोफैशनल रिलेशन से कहीं आगे थे। मंत्री ने पुलिस को कहा था कि पीड़िता केवल मेन ऑफिस के कैबिन में केवल 15 मिनट के लिए ही मिली थी। महिला कोच ने शिकायत में कहा था कि संदीप सिंह उसे एक कमरे में ले गए, जहां शारीरिक छेड़छाड़ की थी। इससे पहले वह उनके घर के वॉशरूम में भी गई थी। इसलिए जब पुलिस ने पीड़िता को जांच के लिए मंत्री के घर बुलाया तो पहली बार में मंत्री के मेन ऑफिस, साइड रूम, बैडरूम और बाथरूम आदि की लोकेशन सही बता दी। इससे स्पष्ट हो गया कि वह मंत्री के घर आई थी और वहां उससे छेड़छाड़ हुई, जबकि मंत्री ने बयानों में झूठ बोला था।
सी.एफ.एस.एल. की रिपोर्ट में मंत्री और जूनियर महिला कोच के फोन से कुछ चैट्स और वॉइस रिकॉर्डिंग मिलीं हैं, जिससे पता चला कि पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना कुछ लोगों को बताई थी। एक परिचित को 16 जुलाई, 2022 को एक फोटो भेजी थी, जिसमें सिर पर पट्टी बंधी थी।

 

 


मंत्री संदीप ने पुलिस को बयान दिए कि जूनियर महिला कोच अप्वॉइंटमैंट लेकर मिलने आई थी। जांच में भी मंत्री ने कबूल किया कि पीड़िता ने अप्वॉइंटमैंट सोशल मीडिया के जरिए ली थी। पुलिस ने पूछा था कि आम इंसान को मिलना हो तो वह भी सोशल मीडिया पर अप्वाइंटमैंट लेता था या फिर ऑफिशियल स्टाफ के जरिए मुलाकात होती थी। ऐसे में पुलिस जांच में सामने आया कि मंत्री की पीड़िता के प्रति गलत नीयत थी। इसके अलावा जूनियर महिला कोच को मंत्री ने उसे जान बूझकर ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने से रोका गया। मंजूरी की फाइल खेल विभाग के निदेशक के पास जानी थी, पर मंत्री को भेजी गई और रिजैक्ट कर दिया।

 

 


चार्जशीट में लिखा है कि इस पर पुलिस ने मंत्री और उस समय के खेल विभाग के निदेशक पंकज नैन के भी बयान लिए थे, पर ये बात स्पष्ट नहीं हो सकी कि फाइल मंत्री तक कैसे पहुंची थी।


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Sub Editor

Ajay Chandigarh

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