टैक्नोलॉजी से नहीं जुड़ पा रहे ग्रामीण क्षेत्र के स्टूडैंट्स

Friday, Apr 17, 2020 - 12:26 PM (IST)

चंडीगढ़ (रश्मि हंस): कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाऊन के कारण पंजाब यूनिवॢसटी (पी.यू.) के स्टूडैंट्स की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में स्टूडैंट्स की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। सोशल मीडिया या अन्य टैक्नोलॉजी के जरिए पढ़ाई को पूरी करने के निर्देश भले ही शिक्षकों मिले हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के बहुत से क्षेत्रों के स्टूडैंट्स नैटवर्किंग से जुड़ नहीं पाए है, जिससे वह ऑनलाइन पढ़ाई कर अपना सिलैबस पूरा नहीं कर पा रहे हैं। 

 

शहरी क्षेत्रों के स्टूडैंट्स सोशल मीडिया का फायदा उठा पा रहे हैं । लॅाकडाऊन खुलने के बाद भी पी.यू. के स्टूडैट्स काऊंसिल व शिक्षकों ने कम से कम परीक्षा शुरू होने से पहले दो हफ्तों का समय मांगा है। ताकि स्टूडैंट्स को उनका सिलेबस पूरा करवाया जा सके।  पी.यू. के विभिन्न कोर्सों की पढ़ाई सोशल मीडिया के जरिए करवाई जा रही है। स्टूडैंट्स के ग्रुप बनाकर उन्हें शिक्षकों ने अपने साथ जोड़ा है। शिक्षक सोशल मीडिया के जरिए सिलैबस पूरा करवाने में जुटे हैं। 

 

पी.यू. से चांसलर पढ़ाई के बारे में पूछेंगे सवाल
स्टूडैंट काऊंसिल के अध्यक्ष चेतन चौधरी के देश के वाइस प्रैजीडैंट व पी.यू. के चांसलर वैंकेया नायडू को पत्र लिखा था कि स्टूडैंट्स को टैक्नोलॉजी के अभाव में ऑनलाइन लैक्चर पूरे नहीं मिल पा रहे हैं। भले ही पी.यू. प्रबंधन की ओर से सभी को सिलेबस पूरी करवाने के निर्देश दिए गए हैं। 
    

 

पत्र के जवाब में चेतन को जवाब आया है कि जल्द ही इस मामले में पी.यू. अथॉरिटी से जवाब पूछा जाएगा। काऊंसिल ने यह भी मांग की है कि लॉकडाऊन खत्म होने के बाद कम से कम हर क्लास को 15 दिन का समय दिया जाए जिससे क्लासिस का सिलेबस पूरा करवाया जा सके। 

 

वहीं वी.सी. प्रो. राजकुमार ने वीरवार को भी पी.यू. व रीजनल सैंटर-38 चेयरपर्सन से ऑनलाइन बैठक की। इस दौरान डॉ. विशाल शर्मा ने चैयरपर्सन को जूम और वैबएक्स प्लेटफार्म (टैक्नोलॉजी) को प्रयोग करने की जानकारी दी।

 

लैब है बंद
इस समय सभी साइंस और इंजीनियरिंग की लैब बंद है। इसलिए स्टूडैंट्स की रिसर्च का काम नहीं हो पा रहा है। यू.आई.ई.टी. विभाग में भी स्टूडैंट्स सोशल मीडिया से जुड़कर ही पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं पी.यू. को कोरोना प्रोजैक्ट पर काम करने के लिए मिनिस्ट्री से 6 प्रोजैक्ट मिले हैं। ताकि कोरोना वायरस आदि से लडऩे के लिए वैक्सीन आदि बनाई जा सके।

pooja verma

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