''रग्बी को प्रोत्साहित करने के लिए और मेहनत की जरूरत''

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 12:28 PM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : देश में रग्बी को प्रोत्साहित करने के लिए अभी और मेहनत करने की जरूरत है। यह कहना है भारतीय वूमैन रग्बी टीम की कप्तान नेहा परदेशी का। स्पोर्ट्स लिट्रेचर फैस्टिवल में शामिल होने के बाद उन्होंने मिडिया से कहा कि देश में महिला रग्बी की शुरूआत 2009 में हो गई थी। इसके बाद से यह खेल धीरे-धीरे प्रमोट हो रहा है, लेकिन अभी तक लोग इस खेल के बारे में पूरी तरह से जान नहीं पाए हैं। 

 

उन्होंने कहा कि आज भी लोग रग्बी को टैक्निकल नहीं बल्कि मारा-मारी का खेल समझते हैं। सबसे पहले लोगों को यह सोच बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2009 में भारत की एशिया में रैंकिंग 16 थी लेकिन इसके बाद वूमैन टीम ने काफी मेहनत की जिससे रैंकिंग में सुधार हुआ और यह 9वें पायदान पर पंहुच गई। ऐसे में कॉमनवैल्थ गेम्स व ओलिपिक तथा एशियन गेम्स में हिस्सा लेने के लिए क्वालीफाई करना जरूरी है।

 

स्पोर्ट्स के साथ करियर पर भी ध्यान :
नेहा ने बताया कि वह पुणे में रहती हैै और स्पोर्ट्स के साथ-साथ करियर पर भी ध्यान दे रही है। उन्होने बताया कि इससे पहले वह एथलीट,हैंडबाल व फैंसिंग की बेहतरीन खिलाड़ी थी और स्टेट व नैशनल लैवल पर कई पदक जीत चुकी है। 

 

हालांकि स्कूल के कोच के आदेश के बाद एक दिन रग्बी खेलने मैदान में पंहुच गई और फिर इसी खेल में दिलचस्पी पैदा हुई तो इसी में ही करियर बनाने की सोची। नेहा ने बताया कि हालांकि उन्हें शुरू में पारिवारिक सदस्यों का सहयोग नहीं मिला लेकिन जैसे-जैसे इस खेल में आगे बढ़ी तो घरवालों को सहयोग मिलना शुरू हो गया। 

 

लड़कियों के लिए बेहतरीन खेल :
नेहा ने कहा कि रग्बी में खिलाड़ी की स्पीड व ताकत की अधिक जरूरत होती हैं। इस हिसाब से हरियाणा व पंजाब की लड़किया इस खेल में करियर बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लड़कियां कुश्ती में काफी आगे हैं। 

 

एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि अभी नैशनल टीम में हरियाणा व पंजाब की कोई वूमैन प्लेयर नही आई हैं, लेकिन दिल्ली की 2 लड़किया इस समय टीम में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब व हरियाणा में रग्बी को प्रमोट करने के लिए फैडरेशन काफी मेहनत कर रही है। इस कारण अप्रैल में होने वाली 15वीं नैशनल रग्बी प्रतियोगिता का आयोजन पंजाब में ही किया जा रहा है। 

 

एशियन चैम्पियनशिप की तैयारी :
नेहा ने कहा कि वह खेल के साथ जॉब भी करती हैं, लेकिन जब कोई टूर्नामैंट आने वाला होता है तो मैदान में कड़ी मेहनत करती हैं। उन्होंने कहा कि जब आफ सीजन होता है तो वह दो सैशन ही प्रैक्टिस करती हैं। जब किसी प्रतियोगिता के लिए कैंप लगता है तो उसमें 4 सैशन होते हैं। इन दिनों वह 15वीं एशियन चैम्पियनशिप और नैशनल प्रतियोगिता की तैयारी में जुटी हैं। 

 

सेवन-ए-साइड फास्ट गेम्स :
नेहा ने बताया कि रग्बी को दो प्रारूप में खेला जाता है। पहला प्ररूप 15 ए साइड रग्बी तथा दूसरा सेवन-ए-साइड होता है। सेवन-ए-साइड गेम्स काफी फास्ट होती है। दोनों प्रारूपों में सिर्फ खिलाडिय़ों का फर्क होता है। मैदान एक जैसे ही होते हैं। उन्होने कहा कि सेवन-ए-साइड रग्बी को ओलिम्पिक,कॉमनवैल्थ गेम तथा एशियन गेम्स में शामिल किया है। 15-ए साईड रग्बी को सिर्फ स्कूल व कालेज तथा वर्ल्ड कप ही खेले जाते हैं। 


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