रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने की तारीख बढ़ाने जा रहा प्रशासन
punjabkesari.in Thursday, Sep 26, 2019 - 02:38 PM (IST)
चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन जल्द ही रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने की तारीख बढ़ाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसे फिर अगले छह महीने के लिए बढ़ाया जा रहा है। इससे उन लोगों को मौका मिल सकेगा जिन्होंने अभी तक सोलर पैनल नहीं लगवाया है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने एक कनाल (500 गज)व उससे ऊपर के मकानों पर कम से कम एक किलोवॉट सोलर पैनल लगवाने के लिए नोटीफिकेशन जारी किया था। इसको लेकर पहले छह महीने दिए गए थे लेकिन जब ज्यादा लोग लगवाने के लिए आगे नहीं आए तो दोबारा छह महीने का वक्त बढ़ा दिया गया।
प्रशासन दूसरी मर्तबा सोलर पैनल लगवाने का समय छह महीने बढ़ाएगा :
अब प्रशासन दूसरी मर्तबा सोलर पैनल लगवाने का समय छह महीने बढ़ाने जा रहा है। पहले 30 सितंबर तक इसकी आखिरी तारीख रखी गई थी जिसे अब मार्च तक एक्सटेंड किए जाने की उम्मीद है। प्रशासक के एडवाइजर मनोज परिदा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हालांकि बड़ी तादाद में लोग सोलर पैनल लगवाने के लिए अब आगे आ रहे हैं लेकिन फिर भी जिन लोगों ने अब तक सोलर पैनल नहीं लगवाए हैं, उन्हें एक और मौका मिल जाएगा।
बताया जा रहा है कि फाइल फिलहाल प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के पास पड़ी है और जल्द ही छह माह का समय आगे बढ़ाने की घोषणा हो सकती है।
यहां बता दें कि क्रैस्ट ने 500 गज से ऊपर के सभी मकान मालिकों को दिशा निर्देश दिए थे कि इनमें सोलर पैनल लगवाना लाजिमी है। जो तय तारीख में पैनल नहीं लगाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिसमें मोटी पैनेल्टी लगाने का प्रावधान है।
तीन किलोवॉट तक के सोलर पैनल पर 40 प्रतिशत तक की सबसिडी दी जा रही :
वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी और क्रैस्ट का कामकाज देख रहे अब्दुल क्यूम के अनुसार एक कनाल या इससे ऊपर के शहर भर में कुल 7500 के करीब मकान हैं। अब तक 90 प्रतिशत लोग प्रशासन की पहल पर सोलर पैनल लगवा चुके हैं।
यानि 6500 के करीब सोलर पैनल लग चुके हैं या उनके लगाए जाने की प्रक्रिया जारी है। एक मर्तबा एक कनाल या इससे ऊपर के मकानों पर सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया समाप्त हो जाए तो उसके बाद उन छोटे मकानों पर सोलर पैनल लगाने की शुरूआत की जाएगी जिनमें बिल्डिंग बायलॉज का कोई ज्यादा लफड़ा नहीं है।
अब्दुल क्यूम ने बताया कि छोटे मकानों पर एक किलोवॉट से तीन किलोवॉट तक का सोलर पैनल या अगर कोई चाहे तो इससे बड़ा सोलर पैनल लगवाया जा सकता है। इसमें बिजली सस्ती पड़ती है और 25 साल तक उपभोक्ता को जबरदस्त राहत मिलती है। उल्टा बिल नेगेटिव में आने लगता है। जो बिजली सरप्लस पैदा होती है उसे बिजली विभाग को नैट मीटरिंग का विकल्प अपना कर बेचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल तीन किलोवॉट तक के सोलर पैनल पर 40 प्रतिशत तक की सबसिडी दी जा रही है।